इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु की विशेष कृपा है। मुंबई-अहमदाबाद रेलखंड में सेमी बुलेट चलाने की घोषणा के बाद रेलमंत्री अब पीएम मोदी को एक और तोहफा देने जा रहे हैं। यह तोहफा है दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग के विद्युतीकरण का। देश की राजधानी दिल्ली से अहमदाबाद लोग जल्दी पहुंच सके, इसके लिए इस रेलमार्ग का विद्युतीकरण ईपीसी के तहत किया जाएगा। यह रेलमार्ग देश का पहला ऐसा रेलमार्ग होगा जहां ईपीसी के तहत रेल विद्युतीकरण होगा। इसके तहत वर्तमान एनडीए सरकार के इस कार्यकाल में ही दिल्ली से जयपुर होते हुए अहमदाबाद तक के रेलमार्ग का विद्युतीकरण किए जाने का निर्णय लिय गया है। इस पूरे कार्य की मॉनीटरिंग केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, (कोर) इलाहाबाद की होगी।
ईपीसी यानी कि इंजीनियरिंग, प्रोजेक्ट एंड कंसट्रक्शन । बेहद सुस्त रफ्तार से चले रहे रेलवे के तमाम कार्यों को पूरा करने के लिए ही ईपीसी के तहत काम कराने का निर्णय रेल प्रशासन ने लिया है। इसके तहत प्राइवेट कंपनियां एक निर्धारित समय में रेलवे के कार्यों को करेंगी। इसके अलावा काम पूरा करने के बाद तीन साल का रख रखाव भी संबंधित कंपनियों द्वारा ही किया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने पहली बाद दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग का विद्युतीकरण ईपीसी के तहत कराने का निर्णय लिया है। करीब 930 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग में पहले चरण में तकरीबन 350 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया जाएगा। शुरूआत दिल्ली सराय रोहिल्ला-रेवाड़ी-अलवर-बांदीकुई-फुलेरा से होगी। रेलवे को उम्मीद है कि एक दशक से ज्यादा समय में होने वाले इस तरह के कार्य अब ईपीसी के जरिये चंद वर्षों में ही हो सकेंगे। शुक्रवार को कोर महाप्रबंधक महेश मंगल ने बताया कि रेलवे में पहली बार ईपीसी के तहत काम होने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने इसके लिए सबसे पहले दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग का चयन किया है। इस रेलमार्ग के विद्युतीकरण का काम प्राइवेट कंपनियां करेंगी। काम समाप्त करने के बाद तीन साल तक उसकी मेटेंनेंस संबंधित कंपनी के पास ही रहेगी। हालांकि इन सभी कार्यों की मॉनीटरिंग कोर ही करेगा।
साभार- अमर उजाला से