Saturday, November 23, 2024
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पुलिस-जनता सम्बन्ध में निखार के लिए दोनों का सकारात्मक व्यवहार जरूरी – डॉ. चन्द्रकुमार जैन

राजनांदगाँव। प्रोफेसर डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने कहा है कि जनता-पुलिस सम्बन्ध में सुधार के लिए दिमाग से काम और दिल से व्यवहार का सूत्र कारगर साबित होगा । पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, माना रायपुर के रिफ्रेशर कोर्स में अतिथि व्याख्यान देते हुए डॉ. जैन ने कहा कि जनता को महसूस होना चाहिए कि पुलिस उसकी हमदर्द है और जनता को भी पुलिस को हरसंभव सहयोग देने के लिए आगे आना चाहिए ।

प्रशिक्षणार्थियीं के रूबरू डॉ.चंद्रकुमार जैन ने मानव व्यवहार और व्यक्तित्व निर्माण पर खास तौर पर चर्चा की । साथ ही, उन्होंने भारतीय संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्त्व और कम्यूनिटी पुलिसिंग पर भी प्रकाश डाला ।

डॉ.जैन ने समझाया कि व्यावहारिक कौशल एक व्यक्ति के अन्य लोगों के साथ संबंधों के तौर तरीके के कई आयामों का दूसरा नाम है। साफ्ट स्किल एक नौकरी और कई अन्य गतिविधियों की व्यावसायिक जरूरत को पूरा करती है। आज के दौर में व्यावसायिक होना की पर्याप्त नहीं बल्कि व्यावहारिक होना कहीं ज्यादा जरूरी है।

डॉ जैन ने कहा आपकी केवल बीस प्रतिशत सफलता उपाधि और पद की ताकत पर तो अस्सी फीसदी कामयाबी व्यवहार कुशलता पर निर्भर करती है । जन जीवन से पुलिस व्यवहार को अगर पारिवारिक और मित्र जैसा तेवर मिल जाए तो समाज की व्यवस्था और उसकी प्रगति की राह आसान होती जाएगी।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में पीटीएस कीअतिथि वक्ता डॉ.चन्द्रकुमार जैन का परिचय देते हुए उनका आत्मीय स्वागत किया गया । बाद में डॉ.जैन ने कहा कि लोकतंत्र में पुलिस पदाधिकारी और कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के प्रति सजग व संवेदनशील रहने की हिदायत लगातार दी जा रही है। माना जा रहा है कि जनता के साथ व्यवहार के तौर तरीके में बदलाव से ही पुलिस समाज के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकती है। इसलिए अपनी प्रवृत्ति और व्यवहार में निखार लाने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। जनता के अधिकार और उम्मीदों की गहरी समझ से पुलिस का काम आसान हो सकता है। डॉ.जैन ने मौके पर कई प्रेरक सूत्रों के साथ देश भक्ति की पंक्तियाँ भी तरन्नुम के साथ सुनायीं।

डॉ. चंद्रकुमार जैन ने जोर देकर के साथ कहा अच्छे व्यवहार से आप अधिक स्वीकार किये जाते हैं। समाज का विश्वास प्राप्त करते हैं। व्यवहार कौशल और अपने दीगर हुनर को तराशकर आप अधिक सहयोग और सम्मान के अधिकारी बनते हैं। नतीजतन, आपकी कार्यशैली अधिक असरदार बन जाती है। अगर आप व्यवहार कुशल हैं तो बेशक समझेंगे कि ज़रा सी बात से लोगों के अहम को चोट लग जाती है, जिसका सीधा असर आपसे जुड़े पूरे अमले पर पड़ता है। आज माना जा रहा है कि आप व्यवहार कुशल रहें ताकि जीवन और कर्मक्षेत्र में भी स्वस्थ माहौल का निर्माण किया जा सके।

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