अच्छी क्वॉलिटी की सस्ती दवाएं खरीदने के लिए अब आपको ज्यादा भटकने की जरूरत नहीं होगी. रेलवे देश भर में अपने परिसरों में जन औषधि केंद्रों को खोलने की अनुमति देगा ताकि आम आदमी को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकें.
जन औषधि अभियान की शुरुआत सरकार ने लोगों को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए की हैं. ये दवाएं प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बेची जानी हैं. रेलवे औषधि विभाग के साथ समझौता कर रेल परिसरों में दुकानें खोलेगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, हमने रेलवे स्टेशनों, दवा दुकानों, कार्यशालाओं और रेल परिसर में जहां भी संभव है जन औषधि केंद्र बनाने का निर्णय किया है. प्लेटफॉर्म और अन्य रेल परिसरों में दवा दुकान खोलने के तौर तरीके पर काम किया जा रहा है.
प्रभु ने कहा कि इसका उद्देश्य रेलकर्मियों सहित आम लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराना है. बता दें कि सुरेश प्रभु ने गुरुवार को ही अपनी महत्वाकांक्षी योजना मिशन रेट्रो फिटमेंट प्रॉजेक्ट (Mission Retro-Fitment) लॉन्च की है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आम जनता की रेल यात्रा को और सुखद बनाने के लिए इस मेगा प्रॉजेक्ट को लॉन्च किया है. इसके तहत करीब 40 हजार पुराने कोचों का कायाकल्प किया जाएगा.
सरकार के इस के तहत भारतीय रेलवे अपनी रेलों के कोचों का न सिर्फ इंटीरियर बदलेंगी बल्कि कई प्रकार के सेफ्टी फीचर्स भी प्रोवाइड करवाएंगी. साथ ही एलईडी लाइट्स, ब्रैंडेड फिटिंग्स, धुएं से ही बज उठने वाले अलार्म इसके मिशन के तहत लगाए जाएंगे. भारतीय रेलवे दरअसल 40 हजार कोचों के इंटीरियर को साल 2022- 23 तक अपग्रेड करने की योजना बना रही है. स कार्ययोजना को लागू करने पर प्रति कोच 30 लाख रुपये का खर्च अनुमानत: आएगा.