Monday, November 25, 2024
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Homeश्री प्रभु की सक्रियता ने रेलवे अफसरों की नींद उड़ाई

श्री प्रभु की सक्रियता ने रेलवे अफसरों की नींद उड़ाई

रेलवे के आला अफसरों पर इन दिनों रेलमंत्री सुरेश प्रभु के ट्वीट का खौफ जारी है। प्रभु को देश भर से ट्विटर पर रोजाना दर्जनों शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जिन्हें वह रेलवे बोर्ड के अफसरों और जोनल महाप्रबंधकों को फारवर्ड कर देते हैं और निश्चित समय सीमा में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगते हैं। इसके पालन में मुश्किल से अफसरों की रातों की नींद गायब हो गई है।

रेलमंत्री प्रभु को ट्विटर पर रेलवे के बारे में लोगों से सीधा फीडबैक प्राप्त हो रहा है। इन शिकायतों का वह खुद तो जवाब देते ही हैं, संबंधित आला अफसरों को फारवर्ड कर समय सीमा के अंदर रिपोर्ट भी मांगते हैं। इससे अफसरों को समझ में नहीं आ रहा है कि इससे किस तरह निपटा जाए।

दरअसल, अब तक रेलवे अफसरों का जनता से सीधा संवाद नहीं था। कहने को रेलवे बोर्ड व जोनल रेलों की वेबसाईटों पर जनता के सुझावों की खिड़की खुली है, लेकिन उन पर अमल होता है, इसका कोई अता-पता नहीं है। इस एकतरफा रास्ते में अफसरों की कोई जवाबदेही नहीं है।

प्रभु ने ट्विटर के जरिये जनता से साबका बना लिया है और उसका इस्तेमाल अफसरों को टाइट करने में कर रहे हैं। चूंकि यह ऑनलाइन है, लिहाजा एक समय सीमा के भीतर जवाब देना अफसरों की मजबूरी है।

सबसे ज्यादा शिकायतें ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर मिल रही हैं। पिछले दिनों प्रभु ने तमाम आला अफसरों को बुलाकर इस पर जवाब मांगा। उन्होंने पूछा कि आखिर तमाम निर्देशों के बावजूद ट्रेनें समय पर क्यों नहीं चल रही हैं? तकरीबन 22 फीसद ट्रेनें, जिनमें से आधी लेटलतीफी के लिए कुख्यात हो चुकी हैं, विलंब से चलती हैं।

सबसे खराब हालत उत्तर-मध्य रेलवे की है जहां केवल 40 फीसद ट्रेने समय से चल रही हैं। जबकि उत्तर रेलवे और पूर्व-मध्य रेलवे में भी यह स्तर 60 फीसद से ज्यादा नहीं है। यहां तो ट्रेनों के दस-दस घंटे लेट होने की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया और ताकीद की कि जल्द हालात नहीं सुधरे तो संबंधित अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्हें ट्रांसफर के अलावा पदावन होना भी पड़ सकता है।

प्रभु ने आला अफसरों से स्टेशनों पर जाकर व ट्रेनों में सफर कर यात्रियों की तकलीफ खुद महसूस करने को कहा है। साथ ही किसी कारणवश रद होने वाली ट्रेनों के बारे में यात्रियों को समय पर और सही जानकारी देने को भी कहा है। गुर्जर आंदोलन और इटारसी कंट्रोल रूम आग के बाद आइआरसीटीसी ने कुछ यात्रियों को उन ट्रेनों के रद होने की सूचना भी दे दी जो चल रही थीं। प्रभु ने ऐसे मामलों में एसएमएस भेजने का जिम्मा "क्रिस" को सौंपने को कहा है।

साभारः http://naidunia.jagran.com/ से 

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