Saturday, November 23, 2024
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भारत की शान हैं भारतीय हाथ करघा उत्पाद

हथकरघा वस्‍त्र और हथकरघा बुनकर भारत की समृद्ध संस्‍कृति, विरासत और परंपरा का एक अभिन्‍न अंग है। इसके अलावा, सकल घरेलू उत्‍पाद और निर्यात में एक महत्‍वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ मनुष्‍य की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह उद्योग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। भारत में कृषि के बाद हथकरघा सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है। यह क्षेत्र 43.31 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है जिसमें से करीब 23.77 लाख व्‍यक्‍ति हथकरघा से जुड़े हैं, जिसमें से 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 18 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 45 प्रतिशत अन्‍य पिछड़ें वर्गों से हैं। वर्ष 2013-14 में हथकरघा क्षेत्र में 7116 मिलियन वर्ग मीटर उत्‍पादन दर्ज किया गया। वर्ष 2014-15 के दौरान हथकरघा क्षेत्र में कुल 3547 मिलियन वर्ग मीटर (अप्रैल-सितंबर, 2014) का उत्‍पादन दर्ज किया गया।

ये क्षेत्र देश के वस्‍त्र उत्‍पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करता है और देश की निर्यात आय में भी सहयोग करता है। दुनिया में हाथ से बुने हुए कपड़े का 95 प्रतिशत भारत से आता है। इस कौशल को एक पीढ़ी से दूसरी को हस्‍तांतरित करके बनाए रखा गया है। इस क्षेत्र की क्षमता, इसकी विशिष्‍टता, उत्‍पादन के लचीलेपन, नवाचारों के लिए खुलापन आपूर्तिकर्ताओं की आवश्‍यकताओं के लिए अनुकूलनशीलता और इसकी परंपरा की संपदा में निहित है।

हालांकि, हथकरघा उद्योग को तेजी से बढ़ते आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिवर्तनों के द्वारा उत्‍पन्‍न की जा रही चुनौतियों का सामना करने के लिए स्‍वयं को नई दिशा देने की आवश्‍यकता है। समकालीन उपभोक्‍ता संदर्भों के अनुसार दोषमुक्‍त उच्‍चगुणवत्‍ता वाले हथकरघा वस्‍त्रों के उत्‍पादन के साथ-साथ उचित मजदूरी को सुनिश्‍चित करने प्रयास किए जा रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी इस व्‍यवसाय को चुनें। स्‍थायी आधार पर इस उद्योग को प्रोत्‍साहन देने के मद्देनजर यह भी अत्‍यंत आवश्‍यक है कि उपभोक्‍ताओं के विश्‍वास को जीतने के लिए नए डिजाइन के साथ गुणवत्‍तायुक्‍त कपड़ों का उत्‍पादन किया जाए।

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‘’भारत हथकरघा ब्रांड’’ कच्‍चे माल, प्रसंस्‍करण, अलंकरण, बुनकर डिजाइन और अन्‍य मानदंडों के अलावा उपभोक्‍ताओं के विश्‍वास को हासिल करने के लिए सामाजिक और पर्यावरण के अनुकूल हथकरघा उत्‍पादों की गुणवत्‍ता की पुष्‍टि करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अब तक के प्रथम राष्‍ट्रीय हथकरघा दिवस समारोहों के एक अंग के तहत हाल ही में चेन्‍नई में भारत हथकरघा ब्रांड का शुभारंभ किया। इसमें निम्‍नलिखित पर विशेष ध्‍यान देते हुए यह सुनिश्‍चित करना है:-

 

 

· उच्‍चगुणवत्‍ता, दोषमुक्‍त, हाथ से बुने हुए, प्रामाणिक ‘’उत्‍तम किस्‍म’’ के उत्‍पादों का उत्‍पादन

· पूर्ण दोषमुक्‍त

· प्रामाणिक पारंपरिक डिजाइन

· पर्यावरण पर बिल्‍कुल भी प्रभाव नहीं

· सामाजिक अनुपालन

लाभ:

ग्राहक को विशिष्‍टता के अनुसार उत्‍पाद की गुणवत्‍ता का आश्‍वासन दिया जाएगा।

भारत के हाथ से बने प्रामाणिक कपड़ो के लिए एक अलग बाजार स्‍थापित करने और स्‍त्री/पुरूष के डिजाइन उत्‍पादों के अनुसार थोक खरीदारों और निर्यातकों को स्रोत गुणवत्‍ता वस्‍त्रों को प्राप्‍त करने में सक्षम बनाया जाएगा।

बुनकर, सीधे बाजार के साथ वार्तालाप के द्वारा थोक आदेश और अधिक मजदूरी प्राप्‍त करने में सक्षम होगा।
यह महिलाओं और वंचित वर्गों को भी सशक्‍त बनाएगा।

ब्रांडिंग के लिए चिन्‍हित उत्‍पाद:-

1. साड़ी:-

सूती : जमद्दानी, तांगेल, शांतिपीरी, धनियाखाली, विचित्रपुरी, बोम्‍केइ, कोटपाद, पोचमपल्‍ली, वेंकटगिरि, उप्‍पडा, सिद्धिपेट, नारायणपेट, मंगलागिरि, चेतिनाद, बलरामपुरम, केसरगौड़, कुथमपल्‍ली, चेंदमंगलम, धोती।

रेशम: बलूचारी, मूंगा सिल्‍क, सल्‍कच सिल्‍क, खांडुआ, बेरहमपुरी, बोमकेइ सिल्‍क, बनारस ब्रोकेड, तनचोइ, बनारसी, बूटीदार, जंगला, बनारसी कटवर्क, कोचमपल्‍ली, धर्मावरम, कांचीपुरम, अरनी सिल्‍क, मोलकामुरू, पेथानी, पटोला, चंपा सिल्‍क, आशावल्‍ली सिल्‍क, सेलम सिल्‍क (धोती), उप्‍पडा, जमदानी।

सूती रेशम साड़ी: चंदेरी, महेशवरी, कोटा दोरिया, इलकाल, गदवल, कोवइ कोरा, कोटन।

2. परिधान सामग्री :

कपास: ओडिशा इकाट, पोचमपल्‍ली

रेशम: तंचौइ, बनारसी, कटवर्क, ओडिशा इकाट, पोचमपल्‍ली इकाट, टस्‍सर फैब्रिक।

3. बैड शीट:

ओडिशा इकाट, पोचमपल्‍ली इकाट

4. स्‍कॉर्फ/शॉल/चादर: कनी शॉल, किन्‍नोरी शॉल, कुलु शॉल, तंगालिया शॉल, कुट्च शॉल, वंगखेइ फी।

ब्रांडिंग प्रक्रिया:

निम्‍नलिखित संस्‍थान ‘’भारत हथकरघा’’ ब्रांड पंजीकरण के लिए आवेदन करने हेतू पात्र होंगे:

हथकरघा वस्‍तुओं का उत्‍पादन करने वाली ईमानदार कंपनियां/संस्‍थान, जिनमें शामिल हैं
प्राथमिक हथकरघा सहकारी समितियां

स्‍व-सहायता (एसएचजी), भागीदारी, निर्माता कंपनियां, संयुक्‍त्‍ देयता समूह (जेएलजी)

बुनकर उद्यमी

ख. कपड़ों और अन्‍य वस्‍तुओं के निर्माता इस शर्त के साथ कि वे ‘भारतीय हथकरघा’ ब्रांडेड कपड़ों का उपयोग करेंगे और सिलाई, मानक आकारों आदि के संबंध में हथकरघा विकास आयुक्‍त द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप अतिरिक्‍त गुणवत्‍ता का अनुपालन करेंगे।

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इस संबंध में आवेदनों को बुनकर सेवा केंद्र अथवा वस्‍त्र समिति के कार्यालयों में निर्धारित प्रारूप में जमा कराया जा सकता है। आवेदन में प्रस्‍तुत किए गए तथ्‍यों की जांच के बाद 30 दिनों के भीतर लोगों के साथ ब्रांड प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। वस्‍त्र नमूनों की मान्‍यता प्राप्‍त प्रयोगशालाओं में जांच की जाएगी। आवेदन भरने के 30 दिनों के भीतर यदि कोई कमी है तो इसकी जानकारी दी जाएगी। ब्रांडिंग आमतौर पर नियम और शर्तों के अधीन 3 वर्षों के लिए वैध होगी और इसके पश्‍चात इसका पुन: नवीनीकरण कराया जाएगा। ब्रांडिंग प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ब्रिकी के लिए प्रत्‍येक मद पर लोगो और लेबल्‍स (स्टीकर्स) लगाए जाएंगे।

(जैकब अब्राह्म, पत्र सूचना कार्यालय चेन्‍नई, में उप-निदेशक हैं)

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