भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 जुलाई, 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में विभिन्न महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं का राष्ट्र को लोकार्पण करेंगे, जिनमें गेज परिवर्तित एवं विद्युतीकृत महेसाणा-वरेठा लाइन, नव विद्युतीकृत सुरेंद्रनगर-पीपावाव खंड और पुनर्विकसित गांधीनगर केपिटल रेलवे की आकर्षक एवं विश्व स्तरीय इमारत शामिल हैं। माननीय प्रधानमंत्री गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और गांधीनगर केपिटल-वरेठा मेमू सेवा सहित 2 ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
रेलवे ने गुजरात राज्य के बहुमुखी विकास में भी बड़ा योगदान दिया है, जो अपनी जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। इन परियोजनाओं का विवरण, प्रमुख विशेषताएँ एवं लाभ इस प्रकार हैं:-
पश्चिम रेलवे पर विभिन्न परियोजनाओं का राष्ट्र को लोकार्पण और हरी झंडी दिखाकर ट्रेनों का शुभारम्भ
v गेज परिवर्तित एवं विद्युतीकृत महेसाणा-वरेठा ब्रॉड गेज खंड (वडनगर स्टेशन सहित) का लोकार्पण
v सुरेंद्रनगर-पीपावाव विद्युतीकृत खंड का लोकार्पण
v गांधीनगर कैपिटल-वाराणसी जं. के बीच सुपरफास्ट एक्सप्रेस का हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ
v गांधीनगर कैपिटल और वरेठा के बीच नई मेमू सेवा का हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ
A). महेसाणा-वरेठा गेज परिवर्तित एवं विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन (वडनगर स्टेशन सहित)
293.14 करोड़ रुपये की लागत से महेसाणा-वरेठा रेल खंड का गेज परिवर्तन (55 किमी) पूरा किया गया है। साथ ही 74.66 करोड़ रु. की लागत से इस खंड का विद्युतीकरण भी पूरा किया गया है। इस परियोजना की कुल लागत 367.80 करोड़ रु. है। वडनगर-वरेठा रेल खंड 11 नवम्बर, 2020 को पूर्ण किया गया, जबकि महेसाणा-वडनगर खंड 23 जून, 2019 को पूर्ण किया गया था।
महेसाणा-वरेठा खंड की प्रमुख विशेषताएँ
इस खंड पर चार नव विकसित स्टेशन भवनों के साथ कुल 10 स्टेशन हैं।
§ ‘बी’ श्रेणी के स्टेशन : विसनगर, वडनगर, खेरालु और वरेठा
§ ‘डी’ श्रेणी के स्टेशन: पिलुद्रा, रंडाला, पुद्गम गणेशपुरा, गुंजा, केसिम्पा और कादरपुर
विसनगर, वडनगर, खेरालु और वरेठा में नए स्टेशन भवनों का निर्माण
यहाँ 4 बड़े पुल, 67 छोटे पुल और 43 LHS/RUBs हैं।
विद्युतीकरण के साथ गेज परिवर्तन ने इस महत्वपूर्ण रेल खंड को महेसाणा के ज़रिये अहमदाबाद-दिल्ली ब्रॉड गेज लाइन से जोड़ा है।
महेसाणा-वरेठा रेल खंड का विद्युतीकरण
रेलवे की मिशन शत-प्रतिशत विद्युतीकरण नीति के तहत महेसाणा-वरेठा खंड (55 रूट किमी) का विद्युतीकरण किया गया है।
यह विद्युतीकरण स्वच्छ, हरित, तेज़ और पर्यावरण के अनुकूल रेल परिवहन प्रदान करेगा, जो कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी लायेगा।
परियोजना के प्रमुख लाभ
वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट के साथ कनेक्शन
अहमदाबाद-जयपुर-दिल्ली मेन लाइन से कनेक्टिविटी
इस क्षेत्र के लोगों के लिए परिवहन का तेज़ और बेहतर साधन।
इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए बड़े फायदेमंद अवसरों के दरवाज़े खुलेंगे, जो इस सुदूर इलाके के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभायेंगे।
यह विद्युतीकरण आर्थिक, पर्यटकीय और कृषि विकास को बढ़ावा देगा और इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
इस खंड पर एक प्रमुख स्टेशन वडनगर है, जो एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है और इसे वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट के तहत विकसित किया गया है। वडनगर स्टेशन भवन को पत्थर की नक्काशी का उपयोग करके सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किया गया है। इसके प्रवेश और निकास द्वार को विशेष तौर पर वास्तुशिल्पीय डिजाइन से सुसज्जित किया गया है और साथ ही इसके परिसंचरण क्षेत्र को भी लैंडस्केप की तरह आकर्षक स्वरूप प्रदान किया गया है। वडनगर अब ब्रॉड गेज लाइन के ज़रिये शेष भारत से जुड़ जाएगा और देश के विभिन्न हिस्सों को इस इलाके से जोड़ने के लिए इस खंड पर यात्री और मालगाड़ियों को निर्बाध रूप से चलाया जा सकेगा।
वडनगर रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध कराई गई सुविधाएँ
(a) 425 मीटर लम्बाई के दो यात्री प्लेटफार्म।
(b) दोनों यात्री प्लेटफार्मों को जोड़ने वाला फुट ओवर ब्रिज।
(c) सर्कुलेटिंग एरिया के साथ स्टेशन बिल्डिंग।
(d) कैफे के साथ यात्री प्रतीक्षालय।
(e) सामान्य और महिला यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय।
(f) प्लेटफार्म नम्बर 1 पर 529.20 वर्गमीटर आकार वाला प्लेटफॉर्म कवर शेड।
(g) शौचालय की सुविधा।
(h) पानी के फव्वारे लगाकर वॉटरिंग की व्यवस्था।
(i) बैठने की व्यवस्था।
(j) दिव्यांग यात्रियों के लिए रैंप, शौचालय और पानी की सुविधा।
(k) बुकिंग सुविधाएँ।
B). सुरेंद्रनगर-पीपावाव खंड का विद्युतीकरण
सुरेंद्रनगर-पीपावाव विद्युतीकरण परियोजना भारतीय रेल पर 100% विद्युतीकरण के बहुप्रतीक्षित मिशन को गति प्रदान करते हुए पूर्ण की गई है। सुरेंद्रनगर-पीपावाव विद्युतीकृत खंड (264 रूट कि.मी.) हाई राइज़ ओएचई के साथ कुल 289.47 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया और फरवरी, 2021 में इसे चालू किया गया। यह भारतीय रेलवे पर न्यूनतम समय में पूर्ण होने वाली सबसे अच्छी परियोजनाओं में से एक है।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोर्ट कनेक्टिविटी रूट होने के साथ वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए फीडर रूट है। यह रेल मार्ग पीपावाव बंदरगाह से देश के उत्तरी भागों के लिए डबल स्टैक कंटेनरों सहित भारी भार वाली मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करता है। यह खंड 10 जून, 2020 को कमीशन किये गये पालनपुर-बोटाद हाई राइज ओएचई खंड का हिस्सा है, जहाँ कॉन्टैक्ट वायर 7.57 मीटर ऊँचाई पर है। दुनिया की पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन हाई राइज पैंटोग्राफ के साथ इस खंड पर सर्वप्रथम परिचालित की गई। इसके अतिरिक्त, निकटवर्ती धोला-भावनगर और राजुला-महुवा खंडों जैसे छोटे हिस्सों के विद्युतीकरण के पश्चात सभी मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को भी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर ले जाया जायेगा, जिसके फलस्वरूप अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई और देश के दक्षिणी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में स्थित अन्य गंतव्यों के साथ तेज़ और निर्बाध कनेक्टिविटी स्थापित की जायेगी।
परियोजना के प्रमुख लाभ
पालनपुर, अहमदाबाद और देश के अन्य हिस्सों से पीपावाव बंदरगाह तक बिना किसी कर्षण परिवर्तन के निर्बाध माल ढुलाई की सुविधा।
अहमदाबाद, विरमगाम और सुरेंद्रनगर यार्ड में लोको चेंज ओवर के लिए डिटेंशन से बचने के फलस्वरूप यातायात की सघनता में कमी।
निकटवर्ती धोला-भावनगर/सीहोर-पालिताना और राजुला-महुवा खंडों जैसे छोटे हिस्सों के विद्युतीकरण के साथ सभी यात्री/मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को विद्युत कर्षण में बदल दिया जायेगा, जिससे अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई, नई दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के साथ सीधी और तेज़ कनेक्टिविटी स्थापित हो जायेगी।
विद्युत कर्षण का तेज़, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तरीका।
महंगे डीजल ईंधन से विद्युत ऊर्जा में माइग्रेशन के कारण प्रति वर्ष लगभग 31.36 करोड़ रु. की उल्लेखनीय बचत।
C) हरी झंडी दिखाकर नई ट्रेनों का शुभारम्भ
गांधीनगर केपिटल-वाराणसी जं. साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस।
गांधीनगर केपिटल और वरेठा के बीच मेमू सेवाएँ।
गांधीनगर केपिटल स्टेशन का पुनर्विकास और स्मार्ट सिटी में रूपांतरण
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय रेल सकारात्मक रूपांतरण के जरिये प्रतिदिन सफलताएं अर्जित कर मील के पत्थरों को पार कर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इसी क्रम में गांधीनगर केपिटल में एक विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन को विकसित किया गया है। स्टेशन के पुनर्विकास के लिए गुजरात सरकार और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC) के साथ गांधीनगर रेलवे एवं शहरी विकास (GARUD) नामक एक संयुक्त उद्यम SPV का गठन किया गया था। गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 71.50 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
सेवा उन्मुख विशेषताएँ
• लैंडस्केप क्षेत्र के से घिरा हुआ अलग-अलग प्रवेश और निकास
• 163 कारों, 40 ऑटो और 120 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा
• 2 सबवे के माध्यम से आपस में कनेक्टेड 3 प्लेटफॉर्म
• प्लेटफॉर्म पर 480 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाला वेटिंग एरिया
• एक बड़े क्षेत्र में टिकटिंग की सुविधा आदि के साथ डबल हाइट प्रवेश लॉबी
• दिव्यांग फ्रेंडली विशेष टिकट काउंटर, रैंप, लिफ्ट, समर्पित पार्किंग स्थान
• 2 एस्केलेटर और 3 लिफ्टें
• सम्पूर्ण स्टेशन क्षेत्र में निर्बाध वाई-फाई कनेक्टिविटी।
जनोन्मुख विशेषताएँ
• सर्व धर्म प्रार्थना कक्ष
• सेपरेट बेबी फीडिंग रूम
• 40 लोगों के बैठने की क्षमता वाला केन्द्रीयकृत वातानुकूलित वेटिंग लाउंज
• स्टेशन परिसर का क्षेत्रफल 7096 वर्गमीटर है, जिसका भविष्य में उपयोग मल्टीप्लेक्स,
शॉपिंग सेंटर, फूड एंड बेवरेज कोर्ट आदि के व्यावसायीकरण के लिए किया जा सकता है।
• एलईडी वॉल डिस्प्ले लाउंज सहित आर्ट गैलरी
प्रौद्योगिकी
• सम्पूर्ण इमारत ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग सुविधाओं के साथ डिजाइन की गई है एवं रेटिंग के
अनुसार स्टेशन पर सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इस बिल्डिंग को ASSOCHAM द्वारा
प्रमाणित GEM 5 सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड ग्रीन प्रमाणन प्राप्त है।
• बिल्डिंग के सिविल स्ट्रक्चर को 120 साल तक सस्टेन रहने के अनुसार डिजाइन किया
गया है।
• निर्माण कार्य में 1,55,900 घनमीटर कंक्रीट एवं 26,500 MT स्टील का उपयोग किया
गया है।
• लम्बे समय तक उपयोग में आने के लिए आईपी कोटिंग के साथ रिइनफोर्समेंट स्टील का
उपयोग किया गया है।
• सभी विद्युत/एचवीएसी प्रणालियों को रेगुलेट करने तथा ग्रीन रेटिंग के निष्पादन के
मूल्यांकन के लिए आवश्यक डेटा रिकॉर्ड करने हेतु स्टेशन पर एमईपीएफ सिस्टम
नियंत्रित इंटेलिजेंट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम।
• एस्केलेटर के बगल में परिसर की तरफ वर्टिकल ग्रीन वॉल
• संरक्षा विशेषताएं: प्लेटफॉर्म सहित पूरे स्टेशन पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम और
एक्सटिंग्विशर की सुविधा। आगमन और प्रस्थान क्षेत्रों तथा सबवे को आग का पता
लगाने और आग बुझाने वाली प्रणाली द्वारा पूरी तरह संरक्षित किया गया है।
प्रकाश व्यवस्था
• अत्याधुनिक बाहरी अग्रभाग में 32 थीमों सहित प्रतिदिन थीम आधारित प्रकाश व्यवस्था।
अनूठी विशेषताएँ
• कम्पन्न एवं शोर-शराबे को इंसुलेट करती हुई लाइव रनिंग रेलवे ट्रैक के ऊपर बनी विशेष
होटल बिल्डिंग।
• अत्याधुनिक बाहरी अग्रभाग।
• ऑल वेदर प्रूफ KALZIP एल्युमिनियम शीट सहित 105 मीटर स्पैन का यूनिक कॉलम
फ्री स्लीक एवं किफायती स्पेस फ्रेम प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को धूप/बारिश से बचाव करता
है।
• स्टेशन की छत पीछे से बंधी हुई आर्च के आकार की है, ताकि लोड से होने वाली
प्रतिक्रिया का प्रतिकार जुड़ावों (Ties) की प्रतिक्रियाओं से हो। स्पेस फ्रेम के फाउंडेशन को
नकारात्मक प्रतिक्रिया से बचने के लिए ऊर्ध्वाधर भार को जोड़ते प्लांटर्स उपलब्ध कराये
गये हैं।
• ‘लाइव स्टेशन’ पर ‘सात रेलवे ट्रैक’ को कवर करते हुए फ्रेम लॉन्च किया गया है।
• निर्माण के दौरान साइट पर उत्पन्न हुए मलबे को आसपास के निचले इलाकों के क्षेत्रों,
सड़कों को भरने में पुन: उपयोग किया गया है।