गहलोत, सुरजेवाला, तिवारी, कमलनाथ, डांगी के बयानों में दिखा संतुलन
नई दिल्ली। राम मंदिर पर कांग्रेस में एक तरह का रणनीतिक बदलाव साफ नजर आ रहा है। सामान्य तौर पर कांग्रेस राम मंदिर के मामले में हमेशा से सेक्युलर लाइन पर चलती आई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने खुलकर हिन्दुत्व के एजेंडे को कभी नहीं स्वीकारा। लेकिन मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राम जन्म भूमि मंदिर के भूमिपूजन के लिए शुभकामनाएं दीं और यह भी कहा कि राम सबमें हैं। लंबे समय के बाद ऐसा हुआ है जब गांधी परिवार के सदस्य ने राम मंदिर पर खुलकर बयान दिया हो। उधर, प्रियंका गांधी के बयान के अलावा भी अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी, नीरज डांगी, कमलनाथ जैसे कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के राम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर बयान आए हैं, जिसमें काफी संतुलन देखा जा रहा है। हालांकि दिग्विजय सिंह का बयान थोड़ा लीक से हटकर है, लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस सॉफ्ट हिन्दुत्व के संदेश से पार्टी के भीतर आनेवाले दिनों में एक नई धारा प्रवाहित हो सकती है।
देखा जा रहा था कि अयोध्या में 5 अगस्त को हो रहे राम जन्म भूमि मंदिर के भूमिपूजन को लेकर बीते कुछ दिनों से कांग्रेस में अलग-अलग तरह के बयान आ रहे थे। जिनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कापी मुखर होकर विरोध के स्वर में बोल रहे थे। लेकिन राम मंदिर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ताजा बयान के बाद कांग्रेस की ओर से अब एक ही रुख में बयान दिख रहे हैं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि राम सबमें हैं, सबके साथ राम हैं। सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री के लिये राम मंदिर शिलान्यास साहस दिखाने व लोगों को यह संकल्प लेने के लिये कहने का एक अवसर है कि मानवता पर लगे छुआछूत के कलंक को मिटायें तथा दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ समानता का व्यवहार करें।
कांग्रेस के युवा राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने भी प्रियंका गाधी के तत्काल बाद ट्वीट करके कहा कि भगवान राम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व एवं सांस्कृतिक समागम के प्रतीक पुरुष थे। राम जन्म भूमि मंदिर के भूमिपूजन का यह आयोजन भगवान रामजी के इस संदेश की स्थापना का कार्यक्रम बने, इसी में इस आयोजन की सफलता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि रीम जन्मभूमि के मंदिर भूमिपूजन के मौके पर वे कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि राजनीति का धर्म होना चाहिए, लेकिन धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद मनीष तिवारी ने ट्विटर पर रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम, सब को सन्मति दे भगवान लिखने के साथ ही यह भी कहा कि राम मंदिर के भूमि पूजन पर सभी देशवासियों को और सभी श्रद्धालुओं को कोटि कोटि बधाई।
कांग्रेस ने कभी खुलकर न तो राम मंदिर का समर्थन किया और न विरोध किया। लेकिन अब लग रहा है कि कांग्रेस राम मंदिर निर्माण में पार्टी के योगदान को रेखांकित करने में जुट गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसीलिए कहा कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी मंदिर का निर्माण करना चाहते थे। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार मानते हैं कि कांग्रेस ने बीते कुछ वक्त से धार्मिक मामलों में अपना रुख बदलने की कोशिश की है। प्रियंका गांधी का राम मंदिर के बहाने धर्म के मामले पर खुलकर तो अब बोली है, लेकिन राहुल गांधी की छवि भी शिवभक्त के तौर पर देश के सामने पहले से ही है। परिहार मानते हैं कि इसे कांग्रेस का सॉफ्ट हिन्दुत्व का संदेश देना माना जा सकता है, जो आनेवाले दिनों में कांग्रेस में एक नई चर्चा छेड़ सकता है। हालांकि प्रियंका गांधी के बयान से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 5 अगस्त को अशुभ दिन बताते हुए राम जन्मभूमि में मंदिर का भूमि पूजन को टालने की बात कही थी। लेकिन साथ में यह भी कहा था कि राम मंदिर आस्था का विषय होना चाहिए, राजनीति का नहीं।