भुवनेश्वरः 21अगस्त को अपने भुवनेश्वर नयापली स्थित किराये के मकानः एन-3-92 पर कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद महान शिक्षाविद् प्रोफेसर अच्युत सामंत ने अपनी स्व.मां नीलिमारानी सामंत की 94वीं जयंती अकेले ही मनाई। उन्होंने विधिवत पूजा-पाठकर सबसे पहले स्वर्गीया नीलिमारानी सामंत की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। पहली बार अपनी स्व.मां नीलिमारानी सामंत के विशेष शैक सोने की चेन उनकी तस्वीर पर लगाई।
अपने पैतृक गांव स्मार्ट विलेज कलराबंक जाकर अपनी मां की विशाल प्रस्तर मूर्ति पर माल्यार्पण किया। अपने द्वारा स्थापित स्कूल ,अस्पताल, अतिथिगृह, अनाथलय आदि में मिठाइयां बांटी । भुवनेश्वर आकर अपने हित-मित्रों को सादर आमंत्रितकर उन्हें अल्पाहार कराया जिसमें उनकी मां की खास पसंद खीर भी शामिल थी। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने बताया कि उनकी मां उनकी असाधारण कामयामी की पहली गुरु थी जिसको वे आज भी उसी रुप में मानते तथा पूजते हैं। गौरतलब है कि प्रोफेसर अच्युत सामंत स्वपोषित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालयों के प्राणप्रतिष्ठाता हैं। उनका कीट अगर कारपोरेट है तो विश्व का सबसे बडा आदिवासी आवासीय कीस कीट का सामाजिक दायित्व।