हरियाणा के हिंदी एवं हरियाणवी साहित्यकारों एवं लेखकों के महा सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में डिजिटल हिंदी का 10 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया।
युनिकोड (UNICODE) की अनिवार्यता
हरियाणा शासन के अंतर्गत आने वाली सभी शिक्षा संस्थाओं और कार्यालयों में प्रयुक्त सभी कंप्यूटरों में युनिकोड को अनिवार्यत: अपनाया जाए और इंस्क्रिप्ट (INSCRIPT) कुंजीपटल (Keyboard) को सक्रिय (activate) किया जाए.
हिंदी में टाइपिंग के लिए इंस्क्रिप्ट कुंजीपटल पर प्रशिक्षण
हिंदी में टाइपिंग के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्वीकृत मानक पर आधारित इंस्क्रिप्ट (INSCRIPT) कुंजीपटल (Keyboard) पर सभी कर्मचारियों, शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए और इस संबंध में माइक्रोसॉफ़्ट जैसी विश्वव्यापी कंप्यूटर कंपनियों का सहयोग लिया जाए और प्रशिक्षार्थियों को उनका विधिवत् प्रमाणपत्र दिलाया जाए.
सभी कंप्यूटरों में हिंदी में काम करने के लिए युनिकोड (UNICODE) का अनिवार्य प्रयोग
सभी कंप्यूटरों में हिंदी में संपूर्ण काम करने के लिए युनिकोड (UNICODE) का अनिवार्यतः प्रयोग किया जाए;
युनिकोड से इतर फ़ॉन्ट के माध्यम से टंकित सामग्री को कन्वर्टर के माध्यम से युनिकोड में परिवर्तित किया जाए ताकि हिंदी में एकरूपता को सुनिश्चित किया जा सके;
हिंदी में मुद्रित सामग्री को ओसीआर (OCR) के माध्यम से डिजिटाइज़ करने का प्रयास किया जाए.
सभी कंप्यूटरों में हिंदी में प्रूफ़िंग टूल्स को सक्रिय किया जाए.
सभी कंप्यूटरों में हिंदी में प्रूफ़िंग टूल्स (स्पैल चैक, ऑटो करैक्ट, थिसॉरस आदि) को सक्रिय किया जाए और उसके उपयोग के लिए सभी कर्मचारियों, शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाए.
प्राथमिक शाला से ही छात्रों को हिंदी कंप्यूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाए.
हिंदी शिक्षकों के कंप्यूटर शिक्षण के लिए विशेष कार्यशालाएँ चलाई जाएँ.
सभी सरकारी शिक्षण संस्थाओं और आयोजन स्थलों (जैसे इंद्रधनुष सभागृह परिसरों आदि) में Wi-Fi 4G की निःशुल्क व्यवस्था की जाए
हिंदी में ई-शिक्षण और हिंदी के ई-शिक्षण (साधन और साध्य के रूप में)
कभी-भी और कहीं भी शिक्षण (Any time, any where learning) के आधार पर वर्चुअल कक्षाओं का आयोजन.
हिंदी में विषय सामग्री (अर्थात् Content creation) के निर्माण के लिए सचिवालय में आधुनिक साधन-सामग्री के साथ हिंदी अनुवादकों, संबंधित विषयों के विशेषज्ञों और कंप्यूटर विशेषज्ञों का विशेष कक्ष स्थापित किया जाए.
हिंदी में ई-प्रकाशन को सुगम बनाने के लिए और ई-पुस्तकों (E-Books) के प्रकाशन से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा विकसित MS Publisher जैसे सॉफ़्टवेयर का व्यापक उपयोग किया जाए.