जून माह के दौरान उत्तराखण्ड में आई भीषण त्रासदी को चार माह से अधिक समय बीतने के बाद भी उत्तराखण्ड़ सरकार आज तक पीडि़त परिवारों का पुर्नवास तो क्या करती अभी तक ठीक से राहत भी नहीं पहुंच पा रही है। बल्की उल्टा लोगों के लोकतात्रिक अधिकारों की घोर उपेक्षा कर रही है। 7 नवम्बर से शुरू हो रहे प्रदेश भर के आन्दोलन कारियों के उपवास में ये मांगे प्रमुखता उठाई जा रही है।
1. आपदा से प्रभावित लोगों के लिए राहत कि सारी जिम्मेदारी सरकार तत्काल पंचायत को दे।
2. ग्राम सभा और ग्राम पंचायत को मिले 73वां 74 संविधान संशोधन और वन अधिकार कानून 2006 द्वारा संवैधानिक अधिकारों और कनूननी ताकतो को मानने के लिए राज्य सरकार बाध्य है। ग्राम सभा के इजाजत के बिना कोई भी परियोजना नहीं लगाई जायेगी। ग्राम सभा जंगल की सुरक्षा और प्रवन्धन करेगा और लोगों द्वारा वनों की जरूरतों पर भी निर्णय करेगा। राज्य सरकार इन तीनों कानून का घोर उलघंन कर रही है।
3 राज्य सरकार एक स्पष्ट आदेश निकाले कि उत्तराखण्ड़ के पहाड़ी इलाके में रहने वाले समुदाई जो वनो पर निर्भर है। उनके लिए वनाधिकार कानून लागू है। इस कानून पर इमानदारी से अमल हो और हर ग्राम सभा को अधिकार पत्र दें जिससे वे अपने समुदाईक वन संसाधनो का इस्तेमाल कर सके।
4. 73 वां संविधान संसोधन में ग्राम पंचायत को जो अधिकार दिये हैं उसे राज्य सरकार तत्काल मान्यता दें। इसके लिए राज्य सरकार को उत्तराखण्ड़ पंचायती राज कानून को संसोधन करने और उसे अमल में लाने के लिए एक समिति का गठन करें, उस समिति में जनान्दोलन के प्रतिनिधियों को शामिल करें।
5. जितनी परियोजनायें चल रही है और सरकार ने जो स्वीकृत की है, हमारा मानना है कि वे सब गैर कानूनी है। उन्हे तत्काल रद्द किया जाय। जो अधिकारी इन गैर कानूनी कामों के लिए जिम्मेदार है उनके उपर सरकार तत्काल कानूनी कार्यवाही करे।
6 राज्य सरकार वन विभाग को तत्कान आदेश दे कि वनाधिकार कानून की धारा 5 के अनुसार ग्राम सभा की अनुमति के बिना वे जंगल में एक पेड़ भी नहीं काट सकते।
संपर्क
चेतना आन्दोलन
उत्तराखण्ड महिला मंच
Shankar Gopalakrishnan <shankargopal@myfastmail.com>
Smt. Nirmala Bisht, Uttarakhand Mahila Manch (9897310667)
Trepan Singh Chauhan, Chetna Andolan (9927665683)
Shankar Gopalakrishnan, Chetna Andolan / Campaign for Survival and Dignity (7409315867)