पहले रेल्वे में जो भी पॉलिसी मैटर में बदलाव होता था वो आम बजट के समय जारी किया जाता था । पर आज कल तो किसी भी समय रेल्वे के कानून में बदलाव लाया जाता है । हर नया रेल मंत्री जनता को प्रयोग शाला समझ लेता है व नए -नए कानून लागू कर अपनी प्रयोग शाला जारी रखता है । प्रभु की माया से हाल ही में रेल मंत्रालय से तुगलकी फरमान जारी हुआ है कि 1 अप्रेल से 5 से 12 साल के बच्चे का यदि स्लीपर लेना है तो पूरा टिकट लगेगा ।
मैं रेल्वे के अधिकारियों को बताना चाहूँगा कि इसके पहले भी केवल तिकीट ही आधा लगता था स्लीपर चार्ज तो पूरा ही वसूला जाता था । अब यदि बच्चे का तिकीट के साथ स्लीपर नहीं होगा तो वह बैठेगा , सोयेगा कहाँ ? रेल्वे शायद तर्क देगा कि अपने अभिभावकों के साथ । रेल के डब्बे में तीन यात्री तो बड़ी मुश्किल से बैठते है तो चार कहाँ सामाएंगे । एक यात्री तो स्लीपर पर सो नहीं सकता डेढ़ कहाँ से सामाएंगे । और यदि कोई बच्चा अकेला यात्रा कर रहा है तो उसकी जगह कहाँ होगी । रेल्वे पैसा कमाने के नए – नए तरीके तो खोज लेता है पर उसमे मानवता के पहलू नहीं देखता है । अब कुछ दिन पहले रेल टिकट रद्द करना काफी महंगा कर दिया गया । रेलवे मंत्रालय रेल टिकट कैंसल के लिए नए नियम कानून लागू किया है जिसके अनुसार रेलवे ने सभी श्रेणी में कैंसिलेशन फीस दोगुनी कर दी है। अब ट्रेन खुलने के बाद टिकट रिफंड नहीं होगा और न ही इसकी राशि यात्री को वापस मिलेगी। यात्रा के चार घंटा पहले ही टिकट रिफंड कराना पड़ेगा। आरएसी व वेटिंग टिकट का पैसा ट्रेन खुलने के समय से आधा घंटा पहले तक वापस किया जा सकता है। इस समय के अंदर यदि यात्री टिकट रद्द करा लेता है तो उसका कुछ रूपया रिफंड हो जाएगा, लेकिन इस समय के बाद यदि टिकट रद्द कराया गया तो उसका पैसा वापस नहीं मिलेगा।
वहीं दूसरी तरफ 48 घंटा पहले टिकट रद्द करवाने के नियम में भी बदलाव किया गया है। एसी प्रथम में 240 रूपया, एसी टू में 200 रूपया, एसी थ्री में 180 रूपया, स्लीपर में 120 रूपया, सकेंड क्लास में 60 रूपया टिकट रद्द कराने के एवज में रेलवे काटेगी। जबकि ट्रेन खुलने के 12 घंटा पहले टिकट रिफंड करवाने वाले से ऊपर दी गई राशि के अतिरिक्त और 25 प्रतिशत राशि काटी जाएगी।
अशोक भाटिया ,
महामंत्री , वसई रोड यात्री संघ,
अ /1 वेंचर अपार्टमेंट , वसंत नगरी,
वसई पूर्व- 401208 ( जिला – पालघर )
मो 09221232130