Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeहिन्दी जगतरामधारी सिंह दिवाकर को श्रीलाल शुक्ल पुरस्कार

रामधारी सिंह दिवाकर को श्रीलाल शुक्ल पुरस्कार

नई दिल्ली। उर्वरक क्षेत्र की अग्रणी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने वरिष्ठ कथाकर रामधारी सिंह दिवाकर को वर्ष 2018 का ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ देने की घोषणा की है।

इफको ने आज बताया कि श्री सिंह का चयन उनके व्यापक साहित्यिक अवदान को ध्यान में रखकर किया गया है। श्री डी.पी. त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उनका चयन किया है। समिति में श्रीमती मृदुला गर्ग, श्री राजेन्द्र कुमार, श्री मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, श्री इब्बार रब्बी और श्री दिनेश कुमार शुक्ल शामिल थे।

निर्णायक मंडल के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि “खेती–किसानी को अपनी रचना का आधार बनाने वाले कथाकार श्री सिंह का सम्मान देश के किसानों का सम्मान है।”बिहार के अररिया जिले के गाँव नरपतगंज के एक निम्न मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्मे श्री सिंह मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार) के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुये। वह बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना के निदेशक भी रहे। उनकी अनेक कहानियाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित-प्रकाशित हुई हैं। ‘शोकपर्व’ कहानी पर दिल्ली दूरदर्शन ने फिल्म भी बनायी।

श्री सिंह की कहानी ‘मखान पोखर’ पर भी फिल्म बन चुकी है। उनकी रचनाओं में ‘नये गाँव में’, ‘अलग-अलग अपरिचय’, ‘बीच से टूटा हुआ’, ‘नया घर चढ़े’, ‘सरहद के पार’, ‘धरातल, माटी-पानी’, ‘मखान पोखर’, ‘वर्णाश्रम’, ‘झूठी कहानी का सच’ (कहानी-संग्रह) और ‘क्या घर, क्या परदेस’, ‘काली सुबह का सूरज’, ‘पंचमी तत्पुरुष’, ‘दाख़िल–ख़ारिज’, ‘टूटते दायरे’, ‘अकाल संध्या’ (उपन्यास); ‘मरगंगा में दूब’ (आलोचना) प्रमुख हैं। सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा 11 लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाता है। श्री सिंह को यह सम्मान 31 जनवरी, 2019 को नयी दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जायेगा।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार