भारत की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के असर को लेकर रतन टटा के नाम से वायरल हुए एक संदेश को लेकर रतना टाटा ने गहरी नारज़गी व्यक्त की है। अंग्रेजी में लिखे गए इस फर्जी मैसेज के मुताबिक, रतन टाटा ने कोरोना वायरस के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर टिप्पणी की थी। ‘वेरी मोटिवेशनल ऐट दिस आवर’ शीर्षक वाले इस मैसेज के अनुसार, रतन टाटा ने लिखा है, ‘जानकार कह रहे हैं कि कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यस्था तबाह हो जाएगी। मैं इन जानकारों के बारे में तो ज्यादा कुछ नहीं जानता हूं, लेकिन यह बात जरूर जानता हूं कि इनको मानवीय प्रेरणा और जुनून के साथ किए गए प्रयासों के बारे में कुछ नहीं पता।’
‘अगर ऐसा ही है तो द्वितीय विश्व युद्ध में पूरी तरह बर्बाद हो चुके जापान का कोई वजूद नहीं होता, लेकिन सच्चाई यह है कि केवल 3 दशक में ही जापान ने अमेरिका को रुला दिया था। अगर इन विशेषज्ञों की मानें तो अरब देशों ने इजरायल का दुनिया के नक्शे से नाम कभी का मिटा दिया होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनकी मानें तो 1983 में भारत विश्व कप नहीं जीतता, एथलेटिक्स में 4 स्वर्ण पदक जीतने वाली विल्मा रूडोल्फ का चलना भी मुश्किल था, अरुणिमा शायद ही आसानी से जीवन जी पाती, लेकिन इन सभी मामलों में भी जानकार झूठे साबित हुए। इसी तरह कोरोना वायरस का यह संकट भी कोई अलग बात नहीं है। इस बात पर मुझे कोई शक नहीं कि हम कोरोना वायरस को हरा देंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से वापसी करेगी।’