मुंबई। पश्चिम रेलवे की सतर्कता टीम ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर फर्जी भर्ती रैकेट का भंडाफोड़ किया है। 2 फरवरी, 2024 को टीम ने एक फर्जी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसने 300 से अधिक उम्मीदवारों से लगभग 21 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। टीम 3 महीने से इस फर्जी रैकेट का पीछा कर रही थी।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे में फर्जी भर्ती रैकेट के मास्टरमाइंड, आरोपी हरताली प्रसाद रोहिदास को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया गया था। एक बाहरी व्यक्ति और दो प्रॉक्सी उम्मीदवारों की मदद से गूगल पे के माध्यम से अपराधी को 20,000 रुपये ट्रांसफर किये गये। शेष किस्त के भुगतान के लिए श्री रोहिदास से मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर मिलने की योजना बनाई गई। अंततः उसे 02 फरवरी, 2024 को लगभग 14.00 बजे मुंबई सेंट्रल स्टेशन के पोर्च से पकड़ लिया गया।
जांच करने पर रोहिदास ने खुलासा किया कि उसने प्रति अभ्यर्थी 9-10 लाख रुपये वसूल किए थे। वह कोलकाता के एक व्यक्ति की मदद से फर्जी दस्तावेज बना रहा था। उसके स्मार्ट फोन में कुल 180 नम्बर ब्लॉक मिले, संभवत: ये वही लोग होंगे, जिन्होंने रेलवे में नौकरी पाने के लिए मोटी रकम दी थी। टीम ने उन व्यक्तियों की लगभग 120 चैट का पता लगाया, जो अपने पैसे (5-8 लाख रुपये तक) वापस मांग रहे थे, जो उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के लिए दिए गए थे। भर्ती किए गए कर्मचारियों के सभी फर्जी दस्तावेज, चैट और वीडियो बरामद किए गए हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई है, जो पश्चिम रेलवे की अखंडता को बनाए रखने और उसकी भर्ती प्रक्रियाओं की सुरक्षा करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
आरोपी को जीआरपी मुंबई सेंट्रल को सौंप दिया गया है और आईपीसी की धारा 420, 465, 468, 470 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।