पाकिस्तान ने ऐतिहासिक कटासराज मंदिर के जीर्णोद्धार का फैसला किया है। मंदिर परिसर में सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। साथ ही भारत से अधिक श्रद्धालुओं को यात्रा करने की इजाजत देने की योजना भी बनाई गई है। राजधानी इस्लामाबाद से सटे चकवाल जिले में स्थित हिंदुओं के इस प्राचीन तीर्थस्थल को विश्व विरासत स्थल में शामिल करवाने पर भी पाकिस्तान विचार कर रहा है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों का प्रबंधन देखने वाली इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीकुल फारूक ने मंदिर के जीर्णोद्धार की योजना के बारे में बताया। उन्होंने मंदिर परिसर में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं के लिए तीस कमरों के धर्मशाला का निर्माण पूरा होने वाला है। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर परिसर में अन्य सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाएगा। इनमें मंदिरों की संख्या बढ़ाना भी शामिल है।
इससे पहले भारत से पहुंचे 124 श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। डॉन के अनुसार श्रद्धालुओं ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के लिए प्रार्थना की। श्रद्धालुओं के जत्थे का नेतृत्व कर रहे शिव प्रताव बजाज ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में 85 श्रद्धालु भारत से आए थे। इस बार यह संख्या बढ़कर 124 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछली बार मैंने श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला की मांग रखी थी। मुझे खुशी है कि इसका निर्माण चल रहा है। गौरतलब है कि भगवान शिव का यह मंदिर महाभारत काल का माना जाता है।