कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लेकर चर्चा तेज हो गयी है। खबर है कि रोहिंग्या मुस्लिम CAA का लाभ लेने के लिए तेजी से ईसाई धर्म को अपना रहे हैं। इसको लेकर सरकार को भी जानकारी दे दी गयी है।
द इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से खबर है कि रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी तेजी से ईसाई धर्म में परिवर्तित हो रहे हैं, ताकि वो CAA का लाभ ले सकें। खबर है कि केंद्रीय एजेंसियों ने मामले की जानकारी सरकार को दे दी है। केंद्रीय एजेंसियों के अनुसार अब तक 25 अफगान मुसलमानों ने ईसाई धर्म अपना लिया है।
मालूम हो नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को पिछले साल संसद द्वारा पारित किया गया था और इस साल 10 जनवरी को अस्तित्व में आया। नागरिकता संशोधन कानून, 2019 में 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
दक्षिणी दिल्ली में एक अफगान चर्च के प्रमुख आदिब अहमद मैक्सवेल ने ईटी को बताया, सीएए लागू होने के बाद अफगान मुस्लिमों की संख्या में तेजी आयी है जो ईसाई धर्म में परिवर्तित होना चाहते हैं।
34 वर्षीय मैक्सवेल ने बताया कि वो 21 साल की उम्र में भारत आया था। उसके माता-पिता सुन्नी इस्लाम का पालन करते हैं और अफगानिस्तान में काबुल के पास रहते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश अफगान शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) के तहत शरण के लिए आवेदन करते हैं।
उन्होंने बताया, दिल्ली में 150,000-160,000 अफगान मुसलमान रहते हैं, जिनमें मुख्य रूप से पूर्वी कैलाश, लाजपत नगर, अशोक नगर और आश्रम हैं। इन समुदाय ने हाल ही में सिख निदान सिंह सचदेवा को तालिबान आतंकवादियों के कब्जे से छुड़ाने में मदद की थी।
गौरतलब है कि इसी साल नौ जून को तेलंगाना में तीन महिलाओं समेत पांच रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से देश में घुसने और गलत जानकारी देकर आधार कार्ड और भारतीय पासपोर्ट बनवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने जो जानकारी दी थी उसके अनुसार, एक सूचना के बाद पुलिस के एक दल ने सांगारेड्डी जिले के जहीराबाद कस्बे में एक घर में छापा मारा और 25 से 45 साल आयु वर्ग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया।