हिंदुत्व विचारधारा की कसमें खाने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिसे सुनकर उसके समर्थकों का एक बार कश्मकश में पड़ना स्वभाविक है।
इकॉनामिक्स टाईम्स ने खबर दी है किआरएसएस से जुड़े लोग भारतीय मुस्लिमों को इस्लाम के बारे में सूचित करने के लिए एक नया टेलीविजन चैनल शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले पैगाम टीवी लॉन्च करने की योजना पर काम हो रहा है। हाल में संघ ने एक उर्दू अखबार शुरू किया है, जिसका नाम 'पैगाम मादरे वतन' है। इसके अलावा रणनीति में एफएम चैनल शुरू करना भी शामिल है।
अखबार के प्रमुख संपादक और पूर्व आरएसएस प्रचारक गिरीश जुयाल इन तमाम पहलों के पीछे बताए जाते हैं। हालांकि, उनका कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ी पहल का संघ से कोई लेना-देना नहीं है। जुयाल ने कहा, "यह व्यक्तिगत मोर्चे पर होने वाली कोशिश है और इसका आरएसएस और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से कोई वास्ता नहीं।"
जुयाल मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेशनल ऑर्गेनाइजिंग संयोजक हैं और इसकी अगुवाई इंद्रेश कुमार करते हैं। इंद्रेश आरएसएस से गहरे जुड़े हैं और मुस्लिमों के बीच संगठन के प्रचार के लिए काम करते हैं।
नरेंद्र मोदी को भाजपा का पीएम बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाला आरएसएस और उन्हें 2014 के आम चुनावों में जीत तक पहुंचाने की जद्दोजहद में जुटे उसके कैडर साफ कर रहे हैं इन प्रस्तावित चैनलों से संघ का कोई वास्ता नहीं है।
आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, "आरएसएस किसी चैनल की फंडिंग नहीं करती। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एक स्वतंत्र संगठन है, जिसके आरएसएस से बढ़िया संबंध हैं। उसकी गतिविधियां भी स्वतंत्र होती हैं।"