राजनीति अपने आर्थिक लाभों की पूर्ति का साधन बन जाये ऐसे समय में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी पार्टी के लिए बिना किसी लाभ के 24×7 समय समर्पित रहते हैं, ऐसे ही एक स्टार प्रचारक से हमारी मुलाकात हुई ! जो अपनी पार्टी के लिए रोजाना सैकड़ों किमी साईकिल दौड़ाते हैं । इसके बाद भी इनके माथे में थकावट की एक सिकन नही रहती और फिर अगले दिन साईकिल का पहिया चल पड़ता है एक नए क्षेत्र की ओर ।इलाहाबाद के करन सिंह यादव समाजवादी पार्टी के ऐसे ही एक समर्पित कार्यकर्ता हैं । एक रंगबिरंगी साईकिल जिसमे पार्टी की कुछ योजनाओं का जिक्र है और पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के नाम हैं ।
करन सिंह से हमारी मुलाक़ात हुई समाजवादी पार्टी के इलाहाबाद जिला कार्यालय में। अगर उनकी रंग बिरंगी साइकिल की बात करें तो करन सिंह ने साईकिल में सबसे आगे अखिलेश यादव का चित्र बना झंडा लगाकर रखा है और उनका कहना है कि अखिलेश भैया अब तक के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं और मुझे विश्वास है कि वह पुनः सत्ता में वापसी करेंगे । करन सिंह यादव से जब यह पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि सूबे में होने वाले अगले चुनावों में समाजवादी पार्टी को किससे ज्यादा डर है ? इस प्रश्न के जवाब में करण सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा डर बुआ जी से है। नोटबन्दी वाले निर्णय पर तो करन सिंह ने कुछ बात नही की लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि उन्हें केवल अपनी पार्टी के प्रचार से मतलब रहता है।
करन सिंह खुद को पार्टी का स्टार प्रचारक बताते हैं और इस बात पर मुहर लगाती है उनकी साईकिल ! जिसके आगे लिखा है करन सिंह यादव – स्टार प्रचारक । साईकिल में करन सिंह ने एक हूटर भी लगा रखा है जो यह बताता है कि वह सूबे की सत्ता में काबिज मौजूदा सरकार के समर्पित कार्यकर्ता हैं । करन सिंह ने हमे बताया कि वह रोजाना 100 से 150 किमी साईकिल चलाते हैं और सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाते हैं । उनका कहना था कि वह जिस जिस गाँव से गुजरते हैं लगभग हर जगह लोग अखिलेश भैया के काम से खुश हैं । उनसे जब यह पूछा गया कि क्या आपको पार्टी की तरफ से कुछ सहयोग मिलता है ? उन्होंने बताया कि हाँ सहयोग तो मिल जाता है लेकिन मुझे ज्यादा सहयोग की अपेक्षा नही रहती क्योंकि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ और मैंने अपनी पूरी जिंदगी पार्टीहित में समर्पित कर दी है।
वाकई ऐसे ईमानदार और सच्चे कार्यकर्ता किसी भी पार्टी को बहुत भाग्य से मिलते हैं जिनके अपने निजी स्वार्थ न हों । लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि पार्टी के ऐसे सिपाहियों को वो सुविधाएँ नही दी जाती जिसके ये हकदार होते हैं ।इस कड़ाके की ठंड में भी करन सिंह के हौसले में कोई फर्क नही पड़ता । जैसे ही उनसे हमारी बातचीत खत्म हुई वो अपनी समाजवादी साईकिल से चल पड़े दिन की अगली यात्रा पर जो शायद कभी न खत्म हो । वाकई ऐसे ही स्टार प्रचारकों से पार्टियों का अस्तित्व होता है न कि सूटबूट और बड़ी बड़ी गाड़ियों वालों से ……।
Yathart mien sache “neta” ko paribhasit karte nazar ate hain Karan Singh Yadavji. Aaj jab “netagiri ” vyavsaaikaran ka roop le chuka hai, Karan Singh Yadavji ek jansevak janchetak hain jo lohiyaji ke adarson ki potli kholte nazar ate hain. Badhai aevam shubhkamnayien.?