बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, कदमकुआँ, पटना में, आगामी रविवार (११ अप्रैल,२०२१) से प्रत्येक रविवार की संध्या ४ बजे से दो घंटे की संस्कृत-पाठशाला आरंभ की जा रही है, जिसमें संस्कृत बोलने की शिक्षा दी जाएगी । ऐसी दस कक्षाओं की शिक्षा से, संस्कृत बोलने में सक्षम हुआ जा सकता है । डा अनिल सुलभ ने बताया कि इस पाठ्यक्रम से, साहित्य में अभिरुचि रखने वाले व्यक्तियों के एक बड़े अभाव की पूर्ति हो सकेगी । हमें इतना ज्ञान हो जाएगा, जिससे हम संस्कृत के पुस्तकों का स्वयं अध्ययन कर सकेंगे ! अवश्य ही इससे हमारी सृजन क्षमता को अकल्पित ऊर्जा प्राप्त होगी । यह पाठशाला सबके लिए खुली होगी।
१० कक्षाओं के समापन (लगभग ढाई महीने) पर हम एक दीक्षांत समारोह आयोजित कर, सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे ! इस पाठ्यक्रम की सफलता अन्य अनेकों योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रेरणा बनेगी। जिन विदुषियों और विद्वानों को इस पाठ्यक्रम में भाग लेना है, उनसे आग्रह है कि इस ह्वाट्सऐप पर अपनी स्वीकृति दें,ताकि यथोचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके । कृपया आगामी रविवार से आरंभ हो रही इस अत्यंत मूल्यवान पाठशाला का अवश्य हिस्सा बनें । अपने साथ एक पुस्तिका और लेखनी लाना न भूलें ।