विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा `स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ न केवल भारत बल्कि समस्त विश्व के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस प्रतिष्ठित स्थल पर प्रतिमा एवं नर्मदा घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने हेतु पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं। भारतीय रेल इस भव्य इंजीनियरिंग कीर्तिमान को भारत के रेल मानचित्र पर स्थान देने हेतु केवड़िया में विश्वस्तरीय एवं आधुनिक सुविधाओं वाले एक नये रेलवे स्टेशन का निर्माण करने जा रही है। प्रस्तावित केवड़िया स्टेशन `स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा और इस प्रतिष्ठित मूर्ति को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक भव्य टर्मिनल स्टेशन के रूप में उनकी जरूरतों को पूरा करेगा।
15 दिसम्बर, 2018 को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा केवड़िया रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित केवड़िया स्टेशन की इमारत का कार्य डभोई-चांदोद (18 किलोमीटर) की गेज रूपांतरण परियोजना सहित केवड़िया तक 32 किलोमीटर की नई लाइन के रूप में विस्तार परियोजना के अंतर्गत होगा। प्रस्तावित केवड़िया स्टेशन भवन का निर्माण 20 करोड़ रु. की अनुमानित लागत से किया जायेगा और इसे पूर्ण करने की लक्ष्य तारीख 4 सितम्बर, 2019 रखी गई है। सम्पूर्ण स्टेशन भवन का निर्माण एक त्रिस्तरीय संरचना है, जिसमें पहले और दूसरे स्तर में विशेष रूप से सभी स्टेशन से सम्बंधित सुविधाएँ जैसे स्टेशन मास्टर का कमरा, सामान्य प्रतीक्षा कक्ष, वीआईपी रूम और विदेशी पर्यटकों के लिए एक एग्जीक्यूटिव लाउंज भी शामिल है। तीसरे स्तर पर एक आर्ट गैलरी होगी, जो स्थानीय और आदिवासी कला और शिल्प कलाओं को बढ़ावा देगी।
स्टेशन निर्माण के शुरुआत से ही यह ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणन के साथ भारत का पहला रेलवे स्टेशन होगा और स्टेशन में इमारत के डिजाइन में एकीकृत सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण चेतना और मनभावन घटकों का समावेश होगा। यह इमारत पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है। इमारत के समग्र कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु फ्लाई ऐश जैसी रीसायकल की जा सकने वाली सामग्री, वातानुकूलित कमरे के लिए इंसुलेट करने वाला शीशा और स्थानीय सामग्रियों का इस्तेमाल भवन के निर्माण में किया जायेगा। स्टेशन की छत पर 200 किलो वाट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता वाले सौर पैनल लगाये जायेंगे। स्टेशन में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, इको-वॉटरलेस मूत्रालयों और उपचारित जल का उपयोग करके ड्रिप सिंचाई प्रौद्योगिकी सहित कई जल प्रबंधन सुविधाओं का संयोजन होगा। कूड़ा प्रबंधन के अंतर्गत अपशिष्ट वियोजन को अलग-अलग डिब्बों के प्रावधान के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा और वियोजित हरी अपशिष्ट का उपयोग बागवानी के लिए उर्वरक का उत्पादन हेतु किया जायेगा। स्टेशन में दिव्यांग लोगों के लिए विशेष प्रावधान होंगे जैसे व्हील चेयर के लिए रैम्प, लिफ्ट और एस्केलेटर, विभिन्न मंज़िलों तक आवागमन के लिए रेलवे स्टेशन के दोनों किनारों पर दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय आदि। स्टेशन में वरिष्ठ अधिकारियों एवं नेताओं की मेजबानी के लिए सामान्य प्रतीक्षालय, एसी प्रतीक्षा कक्ष और वीवीआईपी/एक्जीक्यूटिव अधिकारी का लाउंज सहित कई प्रतीक्षा क्षेत्र होंगे।
भारत के लौह पुरुष एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता के पश्चात 562 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने में अपना अहम योगदान दिया था। श्री पटेल `अनेकता में एकता’ पर विश्वास रखते थे तथा उन्होंने लोगों में एकता भाव जागृत करने के प्रति उल्लेखनीय कार्य किया। भारतीय रेल भी देश को पूर्व से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण दिशा में जोड़ती हुई नागरिकों में एकता, सौहार्द एवं भाईचारे का संदेश देती है। भारत के इस महान सुपुत्र को नया केवड़िया स्टेशन समर्पित कर भारतीय रेल उन्हें गरिमामयी श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।
भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा शनिवार, 15 दिसम्बर, 2018 को इस भव्य स्टेशन की आधारशिला रखी जायेगी। इस समारोह में गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री विजयभाई रूपाणी, माननीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।