चाल चली इक चीन ने, बिगड़े सबके हाल।
कोरोना यह वायरस, बना जीव जंजाल।
सारा जग इससे दुखी, किसे सुनाये पीर।
कोरोना ने कर दिए, हाल बहुत गंभीर।।
भारत का जन-जन करे, मिलकर बड़े प्रयास।
बिना मास्क छोड़े नहीं, अपना कभी निवास।।
हाथों को धोते रहे, सैनेटाइज साथ।
कीटाणु से मुक्त रहे, हर पल अपने हाथ।।
सर्दी और जुकाम संग,भारी हो गर सांस।
बिन देर किए पंहुचे,तुरन्त डॉक्टर पास।।
बचिए और बचाइए, कोरोना से आज।
इक्किस दिन तक छोडकर, अपने सारे काज।।
चौपालें सूनी करे, करे सड़क वीरान।
देश बचाने के लिए,दे बड़ा योगदान।।
कोरोना से बच गये, तो होंगे त्यौहार।
दीप जलेंगे आंगन में, जगमग होंगे द्वार।।
आओ मिलकर के करे, कोरोना संहार।
संयम से जीवन जिए, दूर सभी व्यवहार।।
इंसा है तो देश है, और देश का ताज।
पहले रक्षा स्वयं की, फिर पूजा व नमाज।।
-संदीप सृजन
संपादक-शाश्वत सृजन
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