प्राचीन समय में राम की पौढ़ी वाले स्थल पर सरयू बहती थीं, भगवान राम समेत चारों भाई यहीं स्नान करते थे। धीरे धीरे नदी और उत्तर को हटती चली गई और सारे पुराने घाट सूख गए। राम घाट ,जानकी घाट और बासुदेव घाट पर पहले कभी नदी सटकर बहती थी ।आज ये सब आबादी वाले क्षेत्र हो गए हैं और नदी राम की पौड़ी वाले क्षेत्र में आ गई थी। जब से अयोध्या कटरा गोण्डा को जाने वाला पक्का पुल बना है पौड़ी के घाट से पानी हट गया है। पौड़ी स्थल की वास्तविक सीढि़या या पौढि़यां, मूसलाधार बारिश में या नदी के तेज बहाव में बह गई थी। यहां सूखे घाट रह गए थे। नया घाट समूह स्थित वर्तमान नदी के किनारे सारे घाट स्थानतरित हो गए। राम की पौड़ी वाला वर्तमान स्थल सुना साना हो गया था।चोर उच्चकों की वारदातें होने लगी थी। बीर बहादुर सिंह के मुख्य मंत्री काल में एक बार परिक्रमा के दौरान भगदड़ में यहीं पर बहुतों की जान चली गई थी। इस घाट की नई सीढि़यों को 1984 – 1985 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री श्रीपति मिश्रा और उनके सिंचाई मंत्री श्री वीर सिंह बहादुर के संयुक्त प्रयास से बनवाया गया था। घाट के लिए पानी सरयु नदी से मोटर पंपों से खिंचा जाता है। घाटों का रखरखाव और पानी की नियमित आपूर्ति, उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के डिवीजन के द्वारा किया जाता है।
राम की पौढ़ी अयोध्या में ठीक उसी तरह है जैसे हरिद्वार में हर की पौढ़ी है। यहां पास में नयाघाट है जहां श्रद्धालु अयोध्या में सरयु नदी में स्नान करते है। इस घाट पर भारी संख्या में भक्त स्नान करने आते हैं और पवित्र नदी में पवित्र डुबकी लगाते है।राम की पौढ़ी में श्री राम से जुड़े समारोह के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है। लोग यहां आकर सरयु के पवित्र जल में स्नान करते हैं और मानते हैं कि इससे उनके पाप धुल जाते है। कहा जाता है कि स्वर्गद्वार की शुरूआत इसी पैड़ी से होती है, नागेश्वरनाथ इसी के तट पर स्थित है। यहीं से अयोध्या के ऐतिहासिक मंदिरों की शुरूआत होती है। इसके अलावा सरयू की लहरों में आए दिन डूबने की घटनाएं को देखते हुए पैड़ी में नहाना मुफीद होगा क्योंकि यहां गहराई मात्र 4 से 6 फिट ही है। अब राम की पैड़ी की जलधारा अविरल एवं स्वच्छ होगी तो वहीं इसमें डूबने का खतरा भी कम होगा। सरयू नहर खंड के अवर अभियंता जितेंद्र प्रताप ने बताया कि पैड़ी पर 64 मीटर का नया घाट बनाया गया है। साथ ही पैड़ी की गहराई मात्र 4 से 6 फिट की है । पानी जहां फ्लो होना है वहां आरसीसी बेड बनाए गए हैं।
सहस्रधारा घाट पर पंप हाउस बनाया गया है जहां से सरयू का पानी राम की पैड़ी में अविरल रूप से प्रवाहित हो रहा है । पानी का बहाव 80 सेमी प्रतिसेंकड के अनुसार है । पैड़ी का जल स्वच्छ एवं अविरल होगा इसलिए इसमें स्नान किया जा सकेगा, क्योंकि पैड़ी में भी सरयू की जलधारा ही प्रवाहित होगी। राम की पैड़ी अब श्रद्धालु, भक्तों के साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। पैड़ी के पंप हाउस की क्षमता 6 गुना बढ़ा दी गई है।
आज के समय लक्ष्मण घाट सहस्र धारा घाट नया सरयू घाट से लेकर चौधरी चरण सिंह घाट तक पौड़ी का विस्तार किया गया है। जिसमे प्रायः 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक पंप द्वारा पानी नदी से निकल कर कृत्रिम झील में अनवरत प्रवाहित किया जाता है। सहस्र धारा घाट पर पंप लगा है।
अयोध्या के सरयू तट पर स्थित राम की पैड़ी पर इन दिनों अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है.इस भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग राम की पौड़ी में स्नान कर रहे हैं.साथ ही कुछ युवा चिलचिलाती धूप से बचने के लिए सरयू की जल धारा के साथ खेल रहे हैं.अब राम की पैड़ी एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बन गया है.यहां अयोध्या सहित आसपास जनपद से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.तो वहीं अब सरयू के जल से आचमन कर लोग अपने आप को धन्य मान रहे हैं.
आसपास के जिलों के सैकड़ों युवक और युवतियां पौड़ी के ऊपर बने पुल से पौड़ी के जल में कूदते हैं और खूब हो हल्ला मचाते हैं। जहां से धारा के रूप में जल प्रवाहित होता है उस मुहाने पर पानी को रोक कर झरने का आनन्द उठाते हैं।जो इनका मनोरंजन तो करता है पर पौड़ी के दोनो किनारे आते जाते वा नहाते हुए श्रद्धालुओं को अच्छा नहीं लगता है।जो दिव्यता का भाव लेकर श्रद्धालु यहां आता है वह सब काफूर हो जाता है।यहां तक कि सरयू आरती के श्रद्धालु भी स्वं को असहज महाशूस करते हैं।अयोध्या में भक्ति भावना से प्रवेश करें।राम की पौढ़ी में स्नान दान भक्ति करें।मौज मस्ती के लिए इसका प्रयोग ना करें।पास में अनेक पर्वतीय स्थल है।कही भी मौज मस्ती कर लें।पर बहुत सावधानी से करें।मानव तन बहुत दुर्लभ है। इसका सद उपयोग ही करें। जय जय सिया राम। जय जय श्री हनुमान।
इस संचित और प्रवाह वाले जल में डूबने की भी घटनाएं आए दिन होती रहती है। 13 जुलाई 2020 को राम की पैड़ी के रिमॉडलिंग के बाद स्नान के दौरान पहली बार दो युवकों की डूबकर मौत हो गई। जो 14 जूलाई 2020 के पेपरों की हेडिग बने। हालांकि पैड़ी की गहराई महज चार फीट ही है लेकिन प्रवाह काफी तेज है। जल पुलिस ने दोनों युवकों को राम की पैड़ी से निकाला और फिर उन्हें श्रीराम अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ऐसी ही एक घटना 14 मार्च 2022 को भी हुई जो 15 मार्च 2022 के पेपर की हेडिंग बनी । पड़ोसी जिले गोंडा से चार दोस्तों के साथ अयोध्या आए एक किशोर की सुबह राम की पैड़ी में स्नान करते समय डूबने से मौत हो गई। घाट पर तैनात गोताखोरों ने बड़ी मशक्कत के बाद शव पानी से निकाला। अयोध्या कोतवाली देवेंद्र पांडेय ने बताया कि साथ आए दोस्तों से पूछताछ में किशोर की शिनाख्त हुई। जानकारी के अनुसार गोण्डा के गायत्रीपुरम का रहने वाला प्रखर सिंह पुत्र पंकज सिंह अपने दोस्तों के साथ अयोध्या दर्शन के लिए आया था। इसी दौरान साथियों ने सरयू स्नान का कार्यक्रम तय किया। चारों दोस्त राम की पैड़ी स्थित घाट पर स्नान के लिए उतर गए। कोतवाल ने बताया कि दोस्तों से मिली जानकारी के अनुसार प्रखर तैरते तैरते राम की पैड़ी स्थित पंप हाउस के पास स्थित गहरे पानी तक पहुंच गया। गहरे पानी में खुद को संभाल नहीं सका और डूब गया। दोस्तों ने हल्ला मचाया तो घाट पर तैनात गोताखोरों और नाविकों ने तलाश कर लाश को निकाला था ।
कोतवाली अयोध्या अंतर्गत 27 मई 2022 को आरती घाट पर एक दूसरे को बचाने के चक्कर में डूब रहे एक ही परिवार के तीन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इनमें एक 15 साल बालक भी शामिल है। परिवार के लोग यहां अयोध्या दर्शन के लिए आए थे। सरयू स्नान के दौरान यह घटना हुई। पुलिस ने बचाए गए परिवार को सुरक्षित उनके घर हरैया बस्ती भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार बस्ती हरैया से एक परिवार यहां दर्शन पूजन करने आया था। इस दौरान सभी लोग सरयू स्नान के लिए आरतीघाट गए। बताया जाता है कि वहां सभी स्नान कर रहे थे कि बालक का पैर फिसल गया, जिससे वह डूबने लगा। इसे देख परिवार के दो लोग भी उसे बचाने के लिए नदी में चले गए लेकिन वे भी डूबने लगे।
हल्ला गोहार पर जल पुलिस और स्थानीय गोताखोरों ने तत्काल नदी में कूद कर तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बचाए गए लोगों में अभिषेक यादव और बालक दिव्यांश समेत एक महिला शामिल हैं। जल पुलिस के निरीक्षक आरपी कुशवाहा ने बताया कि परिवार के लोगों ने जल पुलिस का आभार भी जताया।
राम की पैड़ी में 9 जून 2022 को पांच वर्षीय बालक की डूबने से मौत हो गयी। बच्चा जौनपुर से अयोध्या परिवार के साथ आया था।राम की पैड़ी पर स्न्नान के दौरान हादसा हुआ। परिवार को बालक के डूबने की भनक नही लगी।परिजनों ने कई घंटे खोजने के बाद पुलिस को सूचना दी।पुलिस अयोध्या की सड़कों पर बच्चे की तलाश करती रही। देर रात राम की पैड़ी पर शव उतराता मिला।स्थानीय लोगो ने पुलिस को सूचित किया।परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।
घाट पर गहराई के बाबत चेतावनी लिखी हुई है जिसे युवक नजरंदाज कर देते हैं और दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर बैठते हैं। यहां जो पुलिस रहती भी है वह इन युवकों को रोकने की जहमत नहीं उठाती है। यहां स्थाई चौकी होनी चाहिए। इन युवकों को रोकने तथा चालान की करवाही की जानी चाहिए। यदि इस प्रकार की व्यवस्था रहेगी तो आगे दुर्घटनाएं नही होगी। आगंतुकों में अच्छी छवि भी जायेगी।