बांद्रा: क्या आप यकीन करेंगे कि महाराष्ट्र के बांद्रा जिले की 21 साल की लड़की महज के एक छड़ी के साथ ही बाघ से भिड़ गई. इतना ही नहीं, बाघ के हमले के बाद अपने लहूलुहान चेहरे के साथ उसने एक के बाद एक कई सारी सेल्फी ली और फिर उसे सोशल मीडिया यानी फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. जी हां, दरअसल, यह डरावनी घटना 24 मार्च की है, जिसकी खबर सबको इसी सप्ताह लगी.
कॉमर्स से ग्रेजुएट रूपाली मेश्राम उजगाव गांव में रहती है. उस रात वह जब सो रही थी, तभी उसे आधी रात में अपनी बकरियों के दर्द से चिल्लाने की आवाज आई, जिसे सुनकर वह तुरंत बाहर आई. रूपाली ने कहा कि ‘आधीरात में मुझे बकरियों की जोर से मिमियाने की आवाज आई और मैं दौड़कर बकरियों को देखने गई. वहां तीन बकरियां खून से लथपथ जमीन पर मरी पड़ी थी.’
जैसे ही रूपाली कुछ समझ पाती कि आखिर यह कैसे हुआ, तभी अचानक से बकरियों को जान से मारने वाले बाघ ने उसके ऊपर भी हमला कर दिया. अपने आप को बाघ के चुंगल में फंसी देख खुद को बचाने के लिए रूपाली ने एक छड़ी उठाई और मदद के लिए जोर से मां को आवाज लगाई. तब तक वह छड़ी से बाघ से लड़ती रही. जैसे ही उसकी मां मदद के लिए आई, बाघ ने उन पर भी हमला कर दिया. किसी तरह, रूपाली मेश्राम की मां ने अपनी घायल बेटी को घर में खींच कर दरवाजा बंद कर दिया.
उसके बाद उन्होंने घबराकर अपने रिश्तेदार को फोन किया, जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को सूचित किया. घर के भीतर सुरक्षित महसूस करने के तुरंत बाद मेश्राम ने खून से लथपथ चेहरे की एक बाद एक कई सेल्फी ली और दो फोटो को फेसबुक पर पोस्ट किया. एक फोटो में मेश्राम अकेली दिख रही है और एक में अपनी मां के साथ. इस तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे दोनों खून से लथपथ दिख रही हैं.
हालांकि, वन विभाग ने तुरंत मेश्राम और उसकी मां को बांद्रा अस्पताल में भर्ती कराया और फिर उसके बाद नागरपुर में शिफ्ट किया. नागपुर में इलाज कर रहे डॉक्टर ने बाघ से लड़ने की साहस की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली रही कि वह बाघ के हमले से बचने में कामयाब रही और उससे डंटकर मुकाबला कर जान बचाने में सफल रही.
बताया जा रहा है कि मेश्राम को सिर, पैर और कमर में चोटें आई हैं, जिसका इलाज चल रहा है. वहीं उसकी मां का घाव भी धीरे-धीरे ठीक हो रहा है. वहीं वन विभाग ने मेश्राम के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि यहां पर बाघ की गतिविधि नहीं देखी गई है. उन्होंने कहा कि यह हमला करने वाला जानवर तेंदुआ हो सकता है. इसके अलावा वन विभाग की ओर से मेश्राम को 12 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर दिया गया है और इलाज संपन्न होने के बाद उसे आगे के मुआवजे से सम्मानित किया जाएगा.