मुंबई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने शिवसेना सांसद संजय राऊत के जैन मुनि नयपद्म सागर जी महाराज के संदर्भ में की गयी प्रतिक्रिया को हताशा में डूबी पार्टी का अनर्गल प्रलाप कहा है।उन्होंने कहा कि हिंदूवादी होने का मुखौटा धारणकर प्रांतवाद का विष वमन करने वाली शिवसेना के नेता दरअसल सामन्तवादी सोच के लोग हैं।राजा के मन के मुताबिक काम न करनेवालों के खिलाफ राजा जी कोई भी आदेश सुना देते हैं। शिवसेना उसी सामंती सोच में पगी है।उन्होंने कहा कि हर दांव आजमाने के बाद भी मीरा भायंदर में बुरी तरह पराजित होनेवाली शिवसेना सामान्य शिष्टाचार भी भूल गयी है और धर्म गुरु और संत समाज पर ही अनाप शनाप बकने लगे।श्री मिश्र ने कहा कि जाकिर नाईक से एक तपस्वी महाराजश्री की तुलना कर शिवसेना ने जघन्य पाप किया है।
उन्होंने शिवसेना नेताओं द्वारा एक तपस्वी की तुलना आतंकवादी से करने पर दुःख व्यक्त किया और कहा कि राजनीति में पराजय हाथ लगने पर धर्म गुरुओं का अपमान नही करना चाहिए। सत्ता प्राप्त करने के लिए बेचैन शिवसेना को चाहिए कि हिन्दू हृदय सम्राट स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के 80 फीसदी समाजसेवा व 20 फीसदी राजनीति के फ़लसफ़े को समझने का प्रयास करे। भाजपा नेता श्री मिश्र ने कहा कि शिवसेना को सब्र करना चाहिए।और राज्य के मुखिया देवेंद्र फडणवीस के विकासोन्मुख कार्यों का समर्थन करना चाहिए।
श्री मिश्र ने कहा कि मीरा भायंदर को मुंबई मेट्रो रेल परियोजना से जोड़े जाने , शहर को पीने का पानी देने, शहर के अनेक हिस्सों में सीमेंट की मजबूत सड़कों का जाल बिछाने जैसी अनेकों विकास की सौगात देनेवाले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यों का ही यह परिणाम है कि भाजपा को इतनी बड़ी जीत मिली।भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना नेताओं को जैन मुनि पर किये गए अपशब्दों के लिए तत्काल माफ़ी मांगनी चाहिए।