Wednesday, November 27, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीगौमांस को लकेर आरोप-प्रत्यारोप की दुकानें खोली नेताओं ने

गौमांस को लकेर आरोप-प्रत्यारोप की दुकानें खोली नेताओं ने

बीफ खाने के मुद्दे पर अब भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गोमांस देश के बहुसंख्यक की आस्था से जुड़ा मुद्दा है। लोकतंत्र में जनभावना सर्वोपरि है और इसका सम्मान होना चाहिए। गोमांस के आयात-निर्यात पर बैन के हम पक्षधर हैं। जब योगी से पूछा गया कि क्या मंत्रियों को इस बारे में बयान देने से बचना चाहिए तो उन्होंने कहा कि मंत्री हो चाहे संतरी हो, जनभावनाओं के विरुद्ध आचरण किसी को नहीं करना चाहिए।

वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अब देश के गृह राज्य मंत्री को पाकिस्तान भेजना चाहिए और उनका वीजा तैयार कराना चाहिए। एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार में किसी का कंट्रोल नहीं है। जिसका जो मन है बोल देता है और बाद में उसे माफी मांगनी पड़ती है।

गौरतलब है कि गौमांस खाने वालों को पाकिस्तान जाने की नसीहत देने वाले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के बयान पर गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू भड़क गए हैं। रिजिजू ने कहा कि मैं बीफ खाता हूं, मुझे कोई रोक सकता है क्या?

किरण रिजिजू का ये बयान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान का जवाब है, जिसमें उन्होंने गौमांस खाने वाले को पाकिस्तान जाने को कहा था। गौमांस खाने वालों को पाकिस्तान जाने की नसीहत देने के बयान से सरकार सहमत नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि ये सरकार का रुख नहीं है और मुख्तार अब्बास नकवी का यह निजी बयान है।
 
रिजिजू के मुताबिक उनके सहकर्मी नकवी का बयान बिना किसी आधार का था। रिजिजू ने कहा कि मैं अरुणाचल प्रदेश से हूं, और मैं बीफ खाता हूं, क्या कोई मुझे रोक सकता है? इसलिए हमें किसी की आदतों के बारे में नहीं बोलना चाहिए। रिजिजू के मुताबिक, हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, कभी-कभी कुछ ऐसे बयान दिए जाते हैं जिनका कोई आधार नहीं होता। अगर कोई मीज़ो ईसाई कहता है कि यह धरती जीसस की है, तो पंजाब या हरियाणा में रहने वाले किसी व्यक्ति को दिक्कत क्यों होगी? हम हर जगह और हर किसी की भावनाओं का सम्मान करते हैं।

रिजिजू ने आगे कहा कि अगर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में हिंदू मेजोरिटी है और अगर वो हिंदू विश्वास को मानने वाले कानून बनाते हैं, तो उन्हें बनाने दो, लेकिन जिन राज्यों में हम मेजोरिटी में हैं, जहां हम रहते हैं, तो हमें वो करने दीजिये जो हम चाहते हैं। इसलिए किसी को इस बात से परेशानी नहीं होनी चाहिए कि हम किस तरह रहते हैं और क्या खाते हैं?

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार