Thursday, January 16, 2025
spot_img
Homeखबरेंन्याय चाहिए तो देश की अदालतों में मत जाओ, अंसल को...

न्याय चाहिए तो देश की अदालतों में मत जाओ, अंसल को गोली मार देती तो अच्छा था

उपहार सिनेमा हादसे के मामले में गुरुवार (9 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। लेकिन फैसले से उस हादसे को झेलने वाले लोग खुश नहीं हैं। हादसे में अपने दो बच्चों को खो देने वाली एक्टिविस्ट नीलम कृष्णामूर्ति ने कहा कि वह फैसले से काफी दुखी हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज जो संदेश हमें मिला उसका मतलब यह है कि अगर न्याय चाहिए तो कभी भी कोर्ट मत आओ। आपको न्याय तब ही मिलेगा जब मीडिया या फिर लोग उसकी डिमांड करेंगे। मुझे खुद ही उन लोगों (अंसल ब्रदर्स) को गोली मार देनी चाहिए थी और आजीवन कारावास की सजा ले लेनी चाहिए थी। मैं बहुत दुखी हूं। उस हादसे में 23 बच्चों की मौत हो गई थी। उसके बदले में हमें यह न्याय मिला है।’

नीलम ने आगे कहा, ‘नीतीश कटारा की हत्या करने वालों को 25 साल की सजा मिली थी। क्या इन्हीं अच्छे दिनों की बात सरकार करती है? मुझे माफ करना लेकिन मुझे ऐसे अच्छे दिन नहीं चाहिए।’

नीलम ने न्याय मिलने में हुई देरी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘इस देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? पीड़ित तो दोषी हो नहीं सकते। सुशील अंसल उस वक्त बूढ़े नहीं थे जब यह घटना घटी। गलती कोर्ट की ही है जिसे फैसला सुनाने में 20 साल लग गए और तबतक वह (सुशील) 70 साल का हो गया। इस देश में कहीं न्याय नहीं है।’

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार