मुंबई। द बाँबे मैनेजमेंट एसोसिएशन ने 39वें बीएमए अवार्ड समारोह में श्री सुभाष चन्द्रा को ‘ द एंटरप्रैन्योर ऑफ द डिकैट’ का सम्मान दिया है। ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राईज़ेज़ लिमिटेड के प्रबंध संचालक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री (MD & CEO) श्री पुनीत गोयन्का ने श्री सुभाष चन्द्रा की ओर से ये सम्मान प्राप्त किया।
इस अवसर पर अपने वीडिओ संदेश में सुभाषजी ने देश की युवा प्रतिभाओं को राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस पर बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर श्री ए.एम. नाईक को भी लाईफ टाईम एचिवमैंट पुरस्कार मिलने पर बधाई दी।
उन्होंने कहा, “पहले तो वो इस सम्मान को लेने में हिचक रहे थे, लेकिन इसके निर्णायकों ने मुझे आश्वस्त किया और कहा कि मेरी वजह से देश के से 50 लाख लोगों को रोज़गार मिला है।“ पिछले छः दशकों में ‘द एंटरप्रैन्योर ऑफ द डिकैट’ का सम्मान मात्र पाँच बार ही दिया गया है। सुभाषजी इस सम्मान को पाने वाले छठे व्यक्ति हैं।
ज़ी की यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “जब 1992 में हमने इसे शुरु किया था तब ज़ी निजी क्षेत्र का पहला चैनल था। आज, 173 देशों में हमारे 140 करोड़ दर्शक हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इसकी वजह से एक नए उद्योग का जन्म हुआ और मैं सही समय पर एक गलत आदमी के रूप में इस उद्योग को शुरु करने का कारक बना।“
सुभाषजी ने इस सम्मान के लिए उनके नाम की अनुशंसा करने के लिए निर्णायक मंडल के सभी सम्मानित सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि अप्रत्याशित कारणों की वजह से वे इस सम्मान समारोह में उपस्थित नहीं हो पाए। अपने वीडिओ संदेश में उन्होंने कहा, “लेकिन आज के इस डिजिटल दौर में तकनीक ने दूरियाँ मिटा दी है और मैं हर तरह से आपके साथ ही हूँ।“
अपनी कंपनी की सफलता के लिए दर्शकों को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे आपको ये बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारा नेटवर्क दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। ज़ी नेटवर्क आठ भारतीय भाषाओं के साथ ही 10 विदेशी भाषाओं में भी पूरी दुनिया में देखा जाता है।“
अपने और ज़ी के कारोबार के दर्शन को लेकर उन्होंने कहा, “हमारे लिए ग्राहक सबसे पहले है। ये ग्राहक ही हैं जिनकी वजह से हमारा अस्तित्व है। आप जो वादा करते हैं वो दीजिये और हमेंशा राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखिये।“
अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने इस अवसर पर सम्मानित सभी लोगों के कारोबारी जीवन में उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने आप में और अपनी प्रतिभा पर विश्वास रखें, आशावादी रहें और विजेता बनें।
बीएमए अवार्ड उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने प्रबंधकीय कौशल के साथ ही भारतीय उद्योग जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई हो।