केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को यह कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सुधार को लेकर अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि संगठन वैश्विक व्यापार के लिए इंजन बना रहे। G-20 सदस्य देशों के व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिये प्रभु अर्जेन्टीना में है।
उन्होंने कहा कि स्वीकार्य सुधार एजेंडा को पूर्ण्तः आगे बढ़ाने को लेकर सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिये भारत का नजरिया सकारात्मक है। वाणिज्य मंत्रालय ने प्रभु के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘G-20 मंच के जरिए भारत इस विचार को मिशन मोड में आगे बढ़ाएगा।’’ G-20 बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें वैश्विक मूल्य श्रृंखला, नई औद्योगिक क्रांति तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।
कुछ देशों द्वारा संरक्षणवादी उपाय अपनाए जाने से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। G-20 के सदस्यों में यूरोपीय संघ, अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और सऊदी अरब हैं। कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार में G-20 सदस्य देशों की हिस्सेदारी तकरीबन 75 प्रतिशत है।