पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत और अमेरिका को न केवल एक दूसरे के यहां निवेश करना चाहिये बल्कि आपस में गठबंधन करते हुये दूसरे देशों में मिलकर परियोजनाओं का परिचालन भी करना चाहिये। प्रभु ने यहां ‘कोविड- 19 के बाद भारत- अमेरिका व्यापार सहयोग’ पर आयोजित डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘अब भारत और अमेरिका को न केवल एक दूसरे देश में निवेश करते रहना चाहिये बल्कि मिलकर दूसरे देशों में परियोजनाओं को चलाना चाहिये।’’
सम्मेलन के दौरान भारत- अमेरिका के बीच व्यापार और आर्थिक गठबंधन के क्षेत्र में नये अवसर सृजित करने पर जोर दिया गया। इंडो- अमेरिका चैंबर आफ कामर्स (पश्चिम भारत परिषद) के क्षेत्रीय अध्यक्ष नौशाद पंजवानी ने कहा, ‘‘ देशों के लिए सम्पत्ति खड़ी करने का रास्ता युद्ध में विजय,उपनिवेशों का गठन, कपट संधि से ले कर बाजार प्रतिस्पर्धा के बाद अब ऐसे स्थान पर आ गया है जहां से आगे सहयोग का मार्ग निकलता है। इस रास्ते आगे की राह के लिए भारत और अमेरिका की जोड़ी बिल्कुल अनुकल है।’’
आदित्य बिड़ला समूह के मुख्य अर्थशासत्री अजित रानाडे ने कहा कि आने वाले समय में स्वास्थ्य और औषधि क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण हो जायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च तेजी से बढ़ेगा और कारोबार करने के कई नये रास्ते उभरेंगे।’’ रानाडे ने कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिकी कंपनियों के बीच दवा और चिकित्सा खोज के क्षेत्र में गठबंधन के बड़े अवसर होंगे।