पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से नाता परमाणु परीक्षण के कारण ही नहीं, बल्कि एक अटल रिश्ते से भी जुड़ा हुआ है। यह खून का नहीं बल्कि दिलों का रिश्ता है। यह रिश्ता है उनके साये की तरह रहे जयपुर के श्याम नगर निवासी शिव कुमार पारीक का। पारीक ने 60 साल से अटल बिहारी का हाथ थामे रखा, वे दिल्ली एम्स में भी अंत तक उनकी सेवा में जुटे रहे।
जानकारी के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1957 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। तब तक वे सर्वमान्य नेता बन चुके थे। उनके बोलने के अंदाज के सभी राजनीतिक दल के नेता कायल थे। तभी किसी ने सुझाव दिया था कि अटल बिहारी को एक सहायक की जरूरत है। तब नानाजी देशमुख ने आरएसएस के मजबूत कार्यकर्ता शिव कुमार पारीक का नाम सुझाया था।
वे कई सालों तक वाजपेयी के निजी सचिव रहे। रिश्ते की गंभीरता यह बनी कि जब वाजपेयी राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं रहे, तब भी पारीक ने उनका हाथ थामे रखा। पारीक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर एक पुस्तक भी लिख रहे हैं, जो उनके खुद के भी जीवन से जुड़ी है। उन्होंने कहा था कि अटल जी के साथ गुजारा एक-एक पल उनके लिए अविस्मरणीय है।
जयपुरवासी पारीक ही हैं, जिन्होंने अटल बिहारी का रिश्ता जयपुर से व राजस्थान से जोड़े रखा है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि शिवकुमार ने ही वाजपेयी की अनुपस्थिति में सालों तक लखनऊ संसदीय क्षेत्र को संभाला था। जब तक वाजपेयी स्वास्थ्य थे, तब शिव कुमार के हर पारिवारिक कार्यक्रम में शरीक हुए।
साभार- अमर उजाला से