Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeफ़िल्मी-गपशपलक्ष्मण झूला पर लंगूर ने अमिताभ को मारा था थप्पड़

लक्ष्मण झूला पर लंगूर ने अमिताभ को मारा था थप्पड़

<p><span style="line-height:1.6em">लक्ष्मणझूला और स्वर्गाश्रम आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को यहां के लंगूर अपने व्यवहार के कारण अक्सर याद रहते हैं। ऐसे में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भला इन लंगूरों को कैसे भूल सकते हैं। 1978 में लक्ष्मणझूला में ही एक लंगूर ने बिग बी को थप्पड़ जड़ा था। यह बात बिग बी ने फेसबुक पर अपने प्रशंसकों के साथ साझा की है।</span></p>

<p>सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो के साथ यह संस्मरण शेयर किया है। घटना तब की है जब सदी के महानायक अपने करियर के शुरुआती दौर में थे। अमिताभ बच्चन 1978 में फिल्म &#39;गंगा की सौगंध&#39; की शूटिंग के सिलसिले में ऋषिकेश आए थे। यहां उनके साथ फिल्म के अन्य साथी कलाकार भी थे। इसी दौरान का एक किस्सा उन्होंने अपने फेसबुक से शेयर किया है। महानायक ने लिखा है कि ..</p>

<p>हम तीर्थनगरी में &#39;गंगा की सौगंध&#39; की शूटिंग कर रहे थे। हमने पहले गंगा के ऊपर बने लक्ष्मणझूला पुल पर घुड़सवारी का सीन शूट किया। उस दिन की शूटिंग खत्म करने के बाद हम हरिद्वार स्थित गेस्ट हाउस के लिए लौट रहे थे। लक्ष्मणझूला में अचानक हमारी कार के सामने एक लंगूर आ गया। लंबी पूंछ, सफेद मुंह और ग्रे सी स्कीन वाला वह लंगूर कुछ खाने को तलाश रहा था। इस पर मैं कार से उतरा और उसके पास उसे कुछ चने और केले खिलाने के लिए पहुंचा। यह सब जैसे किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसा ही था। यह सब पास ही खड़े दो-तीन लंगूर भी देख रहे थे। इसके बाद वह भी वहां आ गए, लेकिन उनमें से एक लंगूर ने मुझे देखा और मुझे एक जोरदार थप्पड़ मारा। मानों जैसे वो कह रहा हो कि मुझे भी कुछ खाने को दें। मुझे याद नहीं है पर वो शायद फीमेल लंगूर थी। इस पूरी घटना के साक्षी मेरे मेकअप मैन दीपक सावंत भी बने। सावंत मेरे साथ 35 वर्ष से काम कर रहे हैं।</p>

<p>फेसबुक पर अमिताभ बच्चन का यह संस्मरण तीर्थनगरी में उनके प्रशंसकों के लिए हैरान करने वाला है। इस संस्मरण के साथ ही फिल्म &#39;गंगा की सौगंध&#39; की शूटिंग के वह लम्हे भी ताजा हो गए जब लक्ष्मणझूला, गंगा के तट, ढालवाला के जंगल और चंद्रभागा नदी में अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री रेखा, अमजद खान, बिंदू आदि पर इस फिल्म के दृश्य फिल्माए गए थे।</p>

<p>साभार &ndash;दैनिक जागरण से</p>
.

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार