श्रीनगर । कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रविवार सुबह एक अनोखा नजारा देखने को मिला। अक्सर तनाव के साए में रहने वाले श्रीनगर के लालचौक पर रविवार सुबह स्थानीय लोगों को जय श्री राम और भजनों की आवाज सुनने को मिली। रामनवमी के मौके पर श्रीनगर में निकाली गई एक शोभायात्रा के दौरान लालचौक पर यह खास नजारा देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार रविवार सुबह रामनवमी के मौके पर श्रीनगर में स्थानीय लोगों द्वारा भगवान राम के एक विशेष पूजन का आयोजन किया था। इस समारोह के अंतर्गत सबसे पहले शहर के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक मायसूमा के इस्कॉन मंदिर में भगवान राम का पूरे विधि विधान से पूजन किया गया। इसके बाद छोटे-छोटे बच्चों को भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के रूप में सजाकर मायसूमा से लाल चौक तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में गूंजे भारत माता की जय के नारे
इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने इस शोभायात्रा में हिस्सा लिया। इस दौरान जैसे ही शोभायात्रा लालचौक पहुंची इसमें शामिल लोगों ने भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे भी लगाए। वहीं रविवार को निकली इस शोभायात्रा के दौरान प्रशासन की ओर से मायसूमा से लेकर लाल चौक तक के इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम रहे। शोभायात्रा के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा जहां पूरे रूट पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती रही, वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान इस पूरे आयोजन के दौरान शोभायात्रा को एस्कॉर्ट करते रहे।
घाटी का सबसे प्रमुख और संवेदनशील चौराहा है लालचौक
बता दें कि श्रीनगर का लालचौक कश्मीर घाटी का सबसे प्रमुख और संवेदनशील चौराहा माना जाता है। पूर्व में लालचौक पर तिरंगा फहराने को लेकर कई बार कश्मीर में विवाद की स्थिति भी बन चुकी हैं। इसके अलावा घाटी में कई बार हिंसक प्रदर्शनों की स्थिति में लालचौक और मायसूमा दोनों ही इलाकों को पत्थरबाजी के प्रमुख केंद्रों के रूप में भी देखा जा चुका है। जहां लालचौक पर अक्सर सुरक्षा की दृष्टि से सीआरपीएफ को तैनात रखा जाता है, वहीं मायसूमा वह इलाका है जहां कश्मीर के तमाम अलगाववादी नेताओं के घर हैं। जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासिन मलिक का घर भी इसी इलाके में है।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से