Saturday, November 23, 2024
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सामाजिक कार्यों में जुटी अभिनेत्री नीलम कोठारी से विशेष मुलाकात

उन दिनों मैं स्कूल-कॉलेज जाया करती थी, फ़िल्में और इक्का दुक्के टीवी सीरियल मनोरंजन का साधन हुआ करते थे पर सही मायनों में फिल्मों का नशा ही सर चढ़कर बोलता था। मुझे याद है, उन दिनों गोविंदा का बड़ा ज़ोर था, ८० के दशक में लोग उनके डांस के, उनकी फिल्मों के दीवाने थे। उन्हीं दिनों एक फिल्म आयी लव 86, जो खूब हिट हुई और साथ ही उसकी एक सुन्दर सी हिरोइन “नीलम” भी। गोविंदा और नीलम की जोड़ी ने खूब धमाल मचाया, और साथ में इन दोनों ने लगभग 14 फ़िल्में की जिनमें इलज़ाम, हत्या, ख़ुदग़र्ज़ घराना और ताकतवर जैसी फ़िल्में बड़ी हिट रहीं। उसके बाद लम्बे समय तक नीलम परदे से गायब रहीं पर पिछले दिनों उनकी वेब सीरीज “Fabulous lives of Bollywood Wives” आयी, जिसने धमाल मचा रखा है।

हॉन्गकॉन्ग में जन्मीं नीलम, जो अब नीलम कोठारी सोनी के नाम से जानी जाती हैं, एक पत्नी हैं, एक माँ हैं, हीरों की कारोबारी हैं और साथ ही एक कुशल अभिनेत्री भी हैं, CRY GALA के लिए वे अमेरिका की यात्रा पर हैं। उनसे बात करने का मौका मिला। वे जितनी सहज अभिनेत्री हैं, उतनी ही सरल इंसान भी। बहुत प्यार से उन्होंने अपना दिल खोलकर रखा, जिसे आप सब से साझा कर रही हूँ।

आपने 1984 से 2001 तक फिल्मों में अभिनय किया या यूँ कहें की 80 का दशक आपका था। इलज़ाम, लव ८६, खुदगर्ज़ जैसी शानदार फ़िल्में आपने हमें दीं और उसके बाद आप बड़े और छोटे परदे दोनों से गायब हो गयीं। क्यों?

देखिये, जब मैं फ़िल्में कर रही थी तब मैंने लगभग ४० फिल्में की। मुझे लगता है कि हर चीज की एक उम्र होती है। चाहे वो खाना हो या दवाई। ईमानदारी से एक बात कहती हूँ कि मुझे लगा था की मेरे अभिनेत्री का समय अब पूरा हुआ। जो ऑफर उसके बाद मुझे मिल रहे थे वो मुझे अच्छे नहीं लग रहे थे। तब मुझे लगा कि अब समय आ गया है फिल्मों से विदा कहने का। मैंने सोचा की शीर्ष पर रहते हुए ही विदा कहना अच्छा होता है ताकि लोग मुझे याद करें एक चमकते सितारे की तरह, न की धूमिल पड़ते सितारे की तरह। मैंने इस इंड्रस्टी में बहुत ही अच्छा समय बिताया है परन्तु जब लगा की अब छोड़ा जाना चाहिए, मैंने छोड़ दिया। हालाँकि यह निर्णय लेना मेरे लिए आसान नहीं था। क्योंकि कैमरे के सामने रहना, लाइम लाइट में रहना, लोगों से मिलना और अचानक कुछ भी नहीं तो मुश्किल तो था पर लगता है मैंने सही फैसला किया।

अभी आपकी नयी वेब सीरीज आयी है “फैबुलस lives ऑफ़ Bollywood Wives”, जिसकी इन दिनों बड़ी चर्चा है। जब यह बन रही थी तो क्या आपको लगा था कि सभी को इतनी पसंद आएगी?

नहीं, हमको कभी भी नहीं लगा था। जब करन जौहर ये योजना लेकर आये थे तो मैं सोच रही थी कि ये कौन देखने वाला है कि मैं ऑफिस जाती हूँ, मेरे पति हैं, उनके साथ मैं समय बिताती हूँ, मेरी बेटी है और मैं उसके साथ भी समय बिताती हूँ। किसको उत्सुकता होगी इन बातों को जानने की? जब इसकी शूटिंग हो रही थी तो सीमा (सुहैल खान की पूर्व पत्नी), महीप (संजर कपूर की पत्नी), भावना (चंकी पाण्डेय की पत्नी) और मैं बस यही बात करते थे कि कोई नहीं देखेगा। कौन देखना चाहेगा कि हमारे जीवन में क्या हो रहा है? जब शो आया तो इतना बड़ा हिट हुआ। सीजन-२ भी बड़ा हिट हुआ अब सितम्बर में, मैं सीज़न-३ की शूटिंग भी शुरू कर रही हूँ।

क्या सचमुच बॉलीवुड Wives की लाइफ फैबुलस होती है?

नहीं ऐसा नहीं है, सबको टेंशन है। मुस्कराते हुए कहती हैं की तीसरे सीज़न में हम आपको समस्यायें दिखाएंगे न। अभी सारी असलियत सामने आने वाली है, हमने दो सीज़न में अच्छा-अच्छा दिखा कर आप सभी की उम्मीदें बढ़ायीं हैं और अब हम हमारी समस्याएँ भी दिखाएंगे।

आपने घर भी देखा, फिल्में कीं और अभी काम भी कर रही हैं तो एक साथ इतना सब कुछ करना कितना आसान है और कितन कठिन?

बहुत मुश्किल है सब कुछ संभालना परन्तु मुझे यह सारे काम कर के बहुत ख़ुशी मिलती है। मैंने बहुत कम उम्र से काम करना प्रारम्भ कर दिया था। मैं १६ साल की थी तब से काम कर रही हूँ। मगर जब मैं फिल्में कर रही थी तो ऐसा नहीं था कि मुझे खुद को सहारा देना है इसलिए काम करना ही है। हालांकि काम करने के पैसे मिल रहे थे पर मैं मात्र पैसों के लिए काम नहीं कर रही थी। मुझे शौक था काम करने का। आज जब इस उम्र (उन्होंने अपनी उम्र बतायी थी पर मैं लिख नहीं रही हूँ) में मुझको काम मिलता है तो मुझको लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूँ। मैं स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए काम करती हूँ। काम करने से खुद में आत्मविश्वास आता है। हाँ कठिन है क्योंकि अभी मेरी बिटिया ही मेरी प्राथमिकता है। मैं जो भी काम लेती हूँ, यह निश्चित करती हूँ कि ४ बजे तक मेरा काम ख़त्म हो और मैं घर पर रहूँ। क्योंकि ४ बजे वह घर आती है। उस समय से ले कर जब तक वो सोने नहीं जाती मेरा सारा समय उसका ही होता है। अब जो लोग मेरे साथ काम करते हैं उनको पता है कि नीलम ४ बजे के बाद नहीं मिलेगी। अभी जब मैं ट्रेवल कर रही हूँ तो मेरा दिल यहाँ मुम्बई में ही रहेगा। मैंने कभी १५ दिनों के लिए अपनी बच्ची को नहीं छोड़ा है। पर समीर हैं जो उसका ध्यान रखेगा। मुझको सहयोग करने के लिए मेरा परिवार है। हाँ ये सच है कि कभी-कभी मैं खुद को बहुत परेशान भी कर लेती हूँ क्योंकि बहुत सारी चीजें थाम लेती हूँ पर यहाँ ये भी कहूँगी मुझे सुकून भी मिलता है।

जो ये स्वयंसेवी संस्थाएं होती है, इनका कार्य कितना महत्वपूर्ण होता है?

इन संस्थाओं का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है और उपयोगी भी है और साथ में बहुत कठिन भी है।

CRY की किस बात ने आपको आकर्षित किया जिसके कारण आप इससे जुड़ीं हैं?

CRY के साथ यह दौरा करने की सहमति देने से पहले मैं यह जानना चाहती थी कि ये किस तरह का काम करते हैं और कैसे करते हैं। मैंने कुछ स्वयंसेवियों से बात किया तो वो बता रहे थे कि वो छोटे गाँवों में भी कार्य करते हैं। कुछ गाँव हैं जहाँ सड़कें नहीं है, बिजली नहीं है और मैं इन गाँवों में तो कभी गयी नहीं हूँ,परन्तु CRY ऐसी जगहों पर जा कर भी काम करता है। म्युनिसिपल से, सरकार से अनुमति ले कर सड़कें और स्कूल बनवाता है। यह कार्य आसान नहीं है और इसके लिए इनको पैसे चाहिए और काम करने वाले लोग चाहिए। आपके पढ़ने वालों से कहना चाहूँगी की CRY Gala का टिकट खरीदिये, और इनको दिल खोलकर दान कीजिये। CRY ने एक बहुत बड़ा लक्ष्य बनाया है और हमको उसको पूरा करना है। कृपया मेरा काम थोड़ा आसान कर दीजिये और CRY को सहयोग दीजिये। हमें सभी का सहयोग चाहिए। मैंने CRY के बारे में बहुत सुना है और CRY करीब ४० सालों से कार्य कर रहा है। ये मैं इसलिए जानती हूँ क्योंकि मेरी मम्मी २० साल से CRY को डोनेट करती आ रही हैं। इसीलिए CRY मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह संस्था हमारे देश के बच्चों की सहायता करती है। यह हमारे देश की बेहतरी के लिए रही है। तो प्लीज आप सभी की सहायता कीजिये।

इसके अलावा आप किन नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं हैं?

“मेड इन हैवन” का सीज़न २ कर रही हूँ। इसमें हर एपिसोड एक रिश्ते और एक शादी पर आधारित है। तो मैं इसका हिस्सा हूँ जहाँ मेरी शादी होगी। मुझे इस प्रोग्राम के प्रसारित होने की प्रतीक्षा है और मेरे ख्याल से यह जुलाई में आएगा। इसके अलावा मैं कुछ नहीं कर रही हूँ क्योंकि शूटिंग करने में बहुत समय लगता है। यदि कोई प्रोजेक्ट १०-१५ दिनों का है तो ठीक है पर उससे ज्यादा का समय मैं नहीं दे पाती हूँ।

आप का जूलरी का बिज़नेस है, आप के परिवार में जूलरी का बिज़नेस होता था तो क्या यही कारण था कि आप का रुझान इस तरफ हुआ या आपकी रचनात्मकता ने आपको इससे जोड़ा?

क्रिएटिविटी तो है मुझमें और साथ ही मैं बचपन से ही सुनती आ रही हूँ हीरों की ख़ूबसूरती के बारे में, उसको तराशने के बारे में और उसके सुन्दर डिज़ाइनों के बारे में, तो मुझे हमेशा से ही पता था मैं इसका एक दिन हिस्सा बनूँगी। डैडी भी हमेशा से यही बोले कि अभिनय के बाद यदि आप ये करेंगी तो बहुत ही अच्छा रहेगा। कोई जबरदस्ती नहीं थी पर मुझे लगा की ये भी एक कला है। फिर जब मैं शूटिंग नहीं कर रही थी तो ऑफिस जाती थी तभी मैंने हीरों के बारे में और उसके उत्पाद के बारे में सीखा।

बस इतनी ही बात हुई उनसे। बाकि बातें जब वो मिलेंगी तब होंगीं। १२ और १३ मई को नीलम CRY गाला के लिए San Diego और San Francisco में होंगी। शेफाली सुंदरलाल, सोनाली सोनी, नकुल दुग्गल और पूरी CRY America टीम का यही प्रयास रहेगा कि CRY को ज़्यादा से ज़्यादा सहयोग मिले, क्योंकि पिछली बार CRY America ने लगभग १-मिलियन डॉलर की धनराशि जुटाई थी। ऐसे में इस बार कोशिश यही रहेगी की पिछली बार से ज्यादा सहयोग राशि एकत्रित हो सके। नीलम ने भी इस बातचीत के दौरान कई बार CRY के काम को सराहा और उन्होंने सबसे CRY को सहयोग करने की अपील की। उम्मीद है उनके और आप सबके सहयोग से इस बार CRY को अपने रास्ते तय करने में आसानी होगी।

एक निवेदन

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