Thursday, November 28, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेमंत्रियों में हड़कंप: बेटे-दामाद के बारे में नरेंद्र मोदी ने ली खुफिया...

मंत्रियों में हड़कंप: बेटे-दामाद के बारे में नरेंद्र मोदी ने ली खुफिया रिपोर्ट

कैबिनेट बैठक के दौरान अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के रिश्तेदारों द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर ध्यान केंद्रित किया और सवाल किया कि ऐसे संगठनों के लिए धन कहां से आया है।

मंत्रियों में हड़कंप: बेटे-दामाद के बारे में नरेंद्र मोदी ने ली खुफिया रिपोर्ट, फिर मीटिंग में चेताया!
नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के बेटे-दामाद के बारे में खुफिया जानकारी लेकर बैठक में चेतावनी दी।
कुछ दिनों पहले नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक से पहले पीएम मोदी ने मंत्रियों के बेटे-दामाद के बारे में पहले खुफिया जानकारी ली। इसके बाद बैठक में मंत्रियों को चेतावनी दी। इस चेतावनी से अभी भी कई मंत्री नहीं उबरे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के इनसाइड ट्रैक कॉलम में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मोदी ने बिना किसी का नाम लिए सामान्य तौर पर सभी को चेतावनी दी है कि उनके संज्ञान में आया कि मंत्रियों के बच्चे और दामाद संदिग्ध एनजीओ चला रहे थे।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “पीएम ने खुफिया एजेंसियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर उनकी जानकारी ली। जब वह पहली बार सत्ता में आए, मोदी ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को एक स्टिंग ऑपरेशन के खतरों को लेकर सचेत किया था। नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह की तरह अपनी छवि नहीं बनाना चाहते, जिनके दूसरे कार्यकाल में कई सारे घोटाले के मामले सामने आए थे।”

सिंह के दूसरे कार्यकाल में ही 2जी स्पेक्ट्रम, कोल आवंटन घोटाला सहित कई घोटालों के आरोप लगे। इसके साथ ही मनमोहन सिंह पर यह भी आरोप लगा था कि बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने एक भ्रष्ट और लूटतंत्र वाली सरकार दी और उनके मंत्रियों को लूट एवं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में जेल तक जाना पड़ा।

अपने कैबिनेट बैठक के दौरान अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के रिश्तेदारों द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर ध्यान केंद्रित किया और सवाल किया कि ऐसे संगठनों के लिए धन कहां से आया है। मोदी ने मंत्रियों और उनके परिजनों को सतर्क किया कि अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए संदिग्ध छवि वाले लोगों से दूरी बनाए। इसके साथ ही राजनयिक दलों द्वारा दिए जाने वाले ज्यादा आमंत्रण को स्वीकार नहीं करें।

साभार – जनसत्ता से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार