वर्धा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा तथा प्रयागराज स्थित महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के विद्यार्थियों के लिए मंगलवार को आयोजित ऑनलाइन दीक्षारंभ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थी अपने अभिभावकों की आकांक्षाओं और अपने सपनों के अनुकूल भविष्य बनाने के लिए अध्ययन करें। विद्यार्थियों को तप, तपस्या और साधना से खूद को गुणवान बनाने की दिशा में हमेशा प्रयासरत रहकर विवेक और कर्मठता से एक अच्छा व्यक्ति बनने के अवसरों की खोज करनी चाहिए।
कुलपति प्रो. शुक्ल ने नई शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी दुनिया जब लॉकडाउन में थी तब भारत बदल रहा था, नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं के भविष्य के परिवर्तन के सपने देखे जा रहे थे। लगभग पांच वर्षों के लंबे जद्दोजहद के बाद करोडों लोगों की सहभागिता के साथ भारत की शिक्षा नीति निर्मित करते हुए उसे लागू करने का संकल्प किया गया है। हम उस शिक्षा नीति के परिवर्तन के दौर के विद्यार्थी, अध्यापक है। भारत की पीढियां बनाने की जिम्मेदारी हमारे ऊपर आयी है। भारत के लोगों का भविष्य, भारतीय जन की आकांक्षाओं के अनुरूप बनाने की भी जिम्मेदारी भी हम सब पर हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी का उपयोग करते हुए डिजिटल और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ना यह विशेष प्रकार की चुनौती आज के दौर में आयी है। अब समाज कार्य के विद्यार्थियों को क्षेत्रीय कार्य भी डिजिटल प्लेटफार्म पर करना है। कुलपति प्रो. शुक्ल ने विश्वास जताया कि इस चुनौती से निपटने में आप कामयाब होंगे। सामाजिक परिवर्तन के अभिकर्ता के रूप में मर्यादा पुरूषोत्तम राम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समाज कार्य जैसा विषय मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना का यत्न है। युवाओं के सामाजिक परिवर्तन के इतिहास का जिक्र करते हुए उन्होंने नचिकेता, कृष्णदेवराय, छत्रपति शिवाजी, राजगुरु, भगतसिंह आदि की समृद्ध भारतीय विद्यार्थी परंपरा का संदर्भ अपने उदबोधन में दिया।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि विश्वविद्यालय आपको बेहतर शिक्षा का अवसर देगा, साथ ही अच्छा मनुष्य बनाने के उचित अवसर प्रदान करेगा। आप जो ज्ञान और कौशल प्राप्त करोगे वह फलवान होगा। आप अपने भविष्य के निर्माता है। शिक्षक के रूप में हम सब की भूमिका है कि आपका भविष्य और आपके सपनों के बीच संबंध बन सकें इसके लिए समवेत रूप में हम सब को प्रयास करना होगा। उच्च शिक्षा सामूहिक रूप से आगे बढ़ने से ही संभव हो सकती है। कुलपति प्रो. शुक्ल ने नवागंतूक विद्यार्थियों के प्रति विश्वास जताया कि आप एक श्रेष्ठ, समर्थ, उत्तरदायी, सक्षम और कुशल व्यक्ति तथा उपयोगी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में इस विश्वविद्यालय से दीक्षांत कर निकलेंगे।
कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने दिया। उन्होंने कहा कि समाज कार्य के विद्यार्थियों को गांधी विचार और ग्राम संरचना आधारित प्रयोगों से जोड़ा जाएगा। प्रयागराज केंद्र के अकादमिक निदेशक प्रो. अखिलेश दुबे ने नव-प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. शिव सिंह बघेल ने किया तथा धन्यवाद केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के. बालराजू ने ज्ञापित किया। दीक्षारंभ कार्यक्रम में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपा शंकर चौबे, केंद्र के अध्यापक सहायक प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. वरुण उपाध्याय, डॉ. अमोद गुर्जर, गजानन एस. निलामे तथा देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी शामिल हुए।
बी. एस. मिरगे
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