नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों से खेल जगत में भारतीय महिलाएं असाधारण उपलब्धियां हासिल कर रही हैं. ज़ी मीडिया ने खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली महिला खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए ‘जी न्यूज फेयरप्ले’ (ZEE News FAIRPLAY) कार्यक्रम का आयोजन किया। किसी भी सफलता को हासिल करने के लिए प्रेरणा की भी जरूरत होती है और ‘जी न्यूज फेयरप्ले’ प्रेरणा का ही दूसरा नाम है। दिल्ली के होटल ताज में आयोजित ‘जी न्यूज फेयरप्ले’ कार्यक्रम में महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकीं महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री सुभाष चन्द्रा ने कहा कि ये निश्चित ही प्रसन्नता की बात है कि ज़ी न्यूज़ द्वारा इन महिला खिलाड़ियों को सम्मानित कर रहा है, उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाएँ पुरुष से ज्यादा शक्तिशाली होती है। महिलाएँ ज्यादा ताकतवर, ज्यादा समर्पित तो होती ही है उनमें पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सहनशक्ति और धीरज होता है।
उन्होंने कहा, पुरुष वर्ग युगों से महिलाओँ को ये एहसास कराता आ रहा है कि वे कमजोर हैं, वे जब बाहर जाएँ तो सावधान रहें और अकेली कहीं बाहर ना निकलें। यही वजह है कि महिलाएँ अपने आपको कमजोर समझने लगी। महिलाएँ किसी भी रुप में किसी से कहीं से कमजोर नहीं है। उन्होंने कहा ये ऐसा ही है जैसे एक हाथी एक साधारण सी जंजीर को तोड़कर नहीं भाग सकता। ज़बर्दस्त ताकत होने के बावजूद हाथी अपने आपको जंजीर की वजह से नियंत्रण रखता है। ऐसा क्यो होता है? जब हाथी के प्रशिक्षक इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा, हाथी जब बच्चा होता है तभी से उसके दिमाग में ये बात घर कर जाती है कि अगर उसके पैरों में जंजीर बंधी है तो वह भाग नहीं सकेगा। उसके दिमाग में ये बात घर कर जाती है और वह ताकतवर होने के बाद भी कभी इस बात की कोशिश नहीं करता कि वो इस जंजीर को तोड़ सकता है।
महिलाओँ की ताकत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, बचपन में मैं देखता था कि मेरी माँ 200-300 किलोमीटर दूर से पानी लेकर आती थी। उसके सिर पर दो बर्तन होते थे, दो अगल-बगल में, और एक उसके हाथ मे, इस तरह वह घर के लिए पानी लाती थी। इसके बाद वह घर के 20-30 लोगों के लिए भोजन भी बनाती थी।
सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में सुभाषजी ने कहा, ज़ी मीडिया द्वारा शुरु किए गए फ्लेअर प्ले अवार्ड अर्जुन अवार्ड से छोटे जरुर हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि भारत की उत्कृष्ट महिला खिलाड़ी आने वाले कल में इसे एक बड़े अवार्ड की पहचान दे देगी। सुभाषजी ने कहा कि हरियाणा में उन्होंने जो पाँच गाँव गोद लिए हैं वहाँ लड़कियाँ खेलों में आगे आ रही है। हम इन गाँवों से 20 लड़कियों को अगले ओलंपिक खेल देखने के लिए भी भेज रहे हैं।
लोग क्रिकेट के अलावा किस तरह अन्य खेलों में रुचि ले रहे हैं इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सिंधु उस समय सोशल मीडिया पर ट्रैंड में आगे थी जब क्रिकेट का मुकाबला भी चल रहा था। ये इस बात का संकेत है कि देश में अन्य खेलों का भी भविष्य उज्जवल है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे महिला खिलाड़ियों के योगदान को सम्मान देने का सिलसिला जारी रखेंगे और एक मीडिया हाउस के रूप में हम आश्वस्त करते हैं कि आने वाले समय में हम और भी महिला खिलाड़ियों को आगे आने का मौका देंगे।
समारोह में उपस्थित स्मृति ईरानी, मनोज सिन्हा और प्रकाश जावड़ेकर ने विजेताओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार देखने को मिले हैं. ईरानी ने कहा, “महिलाएं खेल के क्षेत्र में आगे आ रही हैं और यह सराहनीय है. यह हमारे देश के लिए एक अच्छा संकेत है कि महिला खिलाड़ी विश्व स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही हैं.
मनोज सिन्हा और अनुप्रिया पटेल ने महिला खिलाड़ियों के कठिन परिश्रम और कड़े प्रशिक्षण के बारे में चर्चा की. उन्होंने उम्मीद जताई कि ये खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हुए देश को आगे भी गौरवान्वित करते रहेंगे.
अनुप्रिया पटेल ने महिला और पुरुष खिलाड़ियों के बीच भेदभाव का जिक्र करते हुए कहा, “महिला खिलाड़ियों को काफी भेदभाव का सामना करना पड़ता है और उन्हें पुरुष खिलाड़ियों के सामने कमतर आंका जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं. हमने ‘खेलो इंडिया’ की भी शुरुआत की है. यह एक अच्छी शुरुआत है. अब यह कहने का समय आ गया है कि ‘खेलोगे तो खिलोगे’.
इस मौके पर राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने महिला खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर खुशी जताई और कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि ज़ी मीडिया महिला खिलाड़ियों का सम्मान कर रहा है. महिलाएं, पुरुषों की तुलना में अधिक ताकतवर और समर्पित होती हैं. हमारे समाज में महिलाओं को कमजोर माना जाता रहा है, लेकिन महिलाएं कमजोर नहीं हैं. हम और अधिक महिला खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए प्रयासरत हैं.’
इस मौके पर जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी के साथ सायना नेहवाल और सानिया मिर्जा ने बातचीत की. सायना नेहवाल ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया. साथ ही कहा कि उन्हीं की वजह से बैडमिंटन की दुनिया में सफल हो पाईं. इस बीच सायना ने इस बात पर जोर दिया कि हार भी खेल का हिस्सा है. आप जितनी जल्दी इस बात को समझ जाते हैं, उतने ही लंबे वक्त तक खेल में टिके रहते हैं. सानिया ने संदेश दिया कि किसी भी महिला के लिए कोई भी उपलब्धि हासिल करना असंभव नहीं है.
ये खिलाड़ी हुईं सम्मानित
1. अंजलि भागवत: वर्ष 2002 में अंजलि 10 मीटर एयर राइफल में विश्व की नंबर एक वरीय खिलाड़ी चुनी गई थीं. इसके अतिरिक्त वह इसी साल चैंपियन ऑफ चैंपियन का खिताब हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. अंजलि ने मिलान में हुई निशानेबाजी की विश्व कप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता बनीं. इसके अलावा ओलंपिक में तीन बार भारत का प्रतिनिधित्व किया. राष्ट्रमंडल खेलों में अंजलि भागवत 12 स्वर्ण और 4 रजत पदक जीत चुकी हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 31 स्वर्ण और 23 रजत और सात कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं.
2. सायना नेहवाल: 28 वर्षीय यह खिलाड़ी भारतीय महिला बैडमिंटन की पहचान हैं. सायना ने तीन बार ओलंपिक (बीजिंग 2008, लंदन 2012, रियो 2016) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. लंदन ओलंपिक में सायना ने कांस्य पदक अपने नाम किया था. वह कुल 23 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुकी हैं. भारत सरकार इन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड, पद्म भूषण और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं.
3. सानिया मिर्जा: टेनिस जगत में सानिया मिर्जा ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान दिलाई. सानिया ने तीन बार ओलंपिक (बीजिंग 2008, लंदन 2012, रियो 2016) में भारत का प्रतिनिधत्व किया है. इन्हें भारत सरकार अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है.
4. पीवी सिंधु: हैदराबाद की पीवी सिंधु बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. 2016 ओलंपिक में पीवी सिंधु रजत पदक जीतकर दुनिया भर में भारत की शान बढ़ा चुकी हैं.
5. दीपा मलिक: 2016 रियो पैरालंपिक ओलंपिक में शॉटपुट में दीपा मलिक ने रजत पदक जीता. दीपा अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित हैं.
6. दीपा कर्मकार: ओलंपिक में जिम्नास्टिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं. 2016 रियो ओलंपिक में वह पदक जीतने से चूक गई थीं, लेकिन चौथा स्थान हासिल कर देश का नाम रोशन किया था. इन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और पद्मश्री मिल चुका है.
7. एमसी मैरीकॉम: साल 2012 में लंदन ओलंपिक में एमसी मैरीकॉम ने कांस्य पदक जीता था. इन्हें साल 2016 में राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया था. वह पद्म भूषण, अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हो चुकी हैं.
8. कर्णम मल्लेश्वरी: यह महिला भारोत्तोलक ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.
9. कृष्णा पूनिया: साल 1982 में हरियाणा के अगरोहा गांव में जन्मी कृष्णा पूनिया डिस्कस थ्रो खिलाड़ी हैं. इन्होंने 2006 में दोहा एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था. 2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में पूनिया ने स्वर्ण पदक जीता था. 2011 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वह 2008 और 2012 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
10. साक्षी मलिक: हरियाणा की इस खिलाड़ी ने ब्राजील के रियो ओलंपिक खेल 2016 में कांस्य पदक जीता था. भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली वह पहली महिला पहलवान हैं. साक्षी ने 2014 में हुए ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता था.
11. अंजू बॉबी जॉर्ज: एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था. इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता. 2005 में आईएएएफ (आइएएएफ) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में उन्होंने रजत पदक जीता, इस प्रदर्शन को वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन मानती हैं.
12. सुनील डबास: भारत की महिला कबड्डी टीम की कोच सुनील डबास की कोचिंग में टीम इंडिया ने 6 गोल्ड मेडल जीते, जिसमें एशियन गेम्स 2010 और वर्ल्डकप 2012 शामिल हैं. 2012 में डबास को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 2014 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
13. भारतीय महिला क्रिकेट टीम: साल 2017 में हुए महिला विश्व कप में भारतीय महिला क्रिकेट टीम उपविजेता रही. टीम की खिलाड़ी मिताली राज, झूलन गोस्वामी, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना भारत की युवा महिला क्रिकेटरों की रोल मॉडल हैं. वनडे में मिताली राज दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला क्रिकेटर हैं.
14. भारतीय महिला हॉकी टीम: रानी रामपाल की अगुवाई में भारतीय महिला हॉकी टीम साल 2004 के बाद पहली बार एशिया कप विजेता बनी है. 2002 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टीम ने कांस्य पदक जीता था. साल 2016 में भारतीय महिला टीम ने पहली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. पिछले एशियाड में इस टीम ने कांस्य पदक जीता था.