फिल्म अभिनेता सुदेश बैरी पर इंदौर के एक कारोबारी ने ठगी का आरोप लगाया है। आरोप है बैरी ने दो साल पहले 20 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर उक्त व्यक्ति से 10 लाख रुपए एडवांस लिए लेकिन लोन नहीं दिलाया। बार-बार फोन लगाने पर भी टालते रहे। पीड़ित ने धोखाधड़ी की शिकायत एमआईजीथाने में की। कोर्ट में भी आवेदन लगाया।
शिकायतकर्ता के वकील एडवोकेट केके गुप्ता का कहना है कि इंदौर निवासी विलास खर्चे को खातेगांव में स्टील फैक्टरी खरीदना थी। इसकी कीमत 20 करोड़ रुपए थी। विलास ने मित्र शैलेंद्रसिंह को वस्तुस्थिति बताई तो उसने मुंबई से फाइनेंस कराने की बात कही। शैलेंद्र ने 30 मई 2011 को विलास को बैरी से मिलवाया। बैरी ने 20 करोड़ का लोन दिलाने की सहमति दी। बदले में 20 लाख रुपए देना तय हुआ। 10 लाख एडवांस और बाकी
फाइनेंस होने के बाद। 20 जून 11 को कॉसमॉस बैंक से आरटीजीएस पद्धति के जरिये पांच लाख रुपए बैरी को पहुंचाए गए। बैरी ने इसकी पुष्टि भी की। शेष पांच लाख रुपए 10 सितंबर 2011 को भारतीय स्टेट बैंक की फड़नीस कॉलोनी शाखा से परख इंटरप्राइजेस के अकाउंट के मार्फत पहुंचाए गए। इसके बाद एमओयू भी साइन हुआ।
बैरी और विलास को जानने वाली एक गवाह के रूप में भोपाल निवासी सीमा सिंह को एमओयू के वक्त साथ रखा गया। आरोप है एमओयू साइन होने के बाद से ही बैरी बहाने बनाते रहे। आखिर में विलास ने डील रद्द करने की बात कर एडवांस वापस मांगा तो बैरी ने इनकार कर दिया। इसके बाद विलास ने थाने में शिकायत कर कोर्ट में आवेदन लगाया।