प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली रेलवे में सुधार लाने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु की जमकर प्रशंसा की। श्री मोदी ने सेतु भारतम परियोजना शुरू करते हुए कहा, ‘‘किसी ने भी रेलवे में शुरू किए जा रहे सुधारों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया है। जो बड़े सुधारों की बात करते हैं वे देख सकते हैं कि रेलवे में कितना परिवर्तन आया है।’’ प्रभु ने रेलवे को वित्तीय रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए श्रृंखलाबद्ध सुधारवादी कदम शुरू किए हैं।
किरायों पर निर्णय करने तथा रेलवे में निजी निवेशकों को समान अवसर प्रदान करने के लिए एक नियामक प्राधिकरण का गठन किया है। इसके साथ ही विभिन्न निवेश अवसरों के लिए एक अलग रेलवे योजना एवं निवेश संगठन का गठन किया जाएगा। मोदी ने कल लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए रेलवे के आधारभूत नेटवर्क के विकास की गति बढ़ाने के लिए प्रभु की प्रशंसा की थी।
श्री मोदी ने अपनी सरकार के प्रदर्शन पर विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए संप्रग सरकार के कार्यकाल और राजग के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान रेल परियोजनाओं पर खर्च होने वाली धनराशि की तुलना की थी जिसमें नई रेल लाइन बिछाने, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण एवं नई रेल लाइनें शुरू करना शामिल था।
प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘संप्रग के 10 वर्ष के शासन के दौरान रेलवे के विकास पर औसत वार्षिक खर्च 9291 करोड़ रुपए था जबकि हमारे दो वर्ष के कार्यकाल में ये 32,597 करोड़ रुपए है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘संप्रग 1 के शासन के दौरान कितनी नई रेल लाइनें बिछाई गई थी। संप्रग 1 के दौरान औसत 1477 किलोमीटर था संप्रग 2 के शासन के दौरान इसमें कुछ सुधार हुआ और ये 1520 किलोमीटर हो गई जबकि राजग कार्यकाल के दौरान ये 2290 किलोमीटर है।’’ रेल बजट में नई ट्रेनें घोषित नहीं करने के प्रभु के निर्णय का बचाव करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्व में नई ट्रेनों की घोषणा कुछ सांसदों से तालियां बजवाने के लिए की जाती थीं लेकिन अब रेलवे में ध्यान नई लाइनों, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण पर है।