केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने महाराष्ट्र में जिला स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये महिला स्वयंसेवी समूहों को उचित मंच प्रदान करने के वास्ते एक योजना की शनिवार को शुरुआत की। ये योजनाएं ‘हीरकाणी महाराष्ट्राची’ और ‘जिला व्यवसाय योजना प्रतिस्पर्धा’ हैं।
ये योजनाएं राज्य के कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के तहत आने वाले महाराष्ट्र राज्य नवोन्मेष समाज द्वारा लागू की जायेगी तथा संबंधित जिले इसमें सहयोग करेंगे। प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों के जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हीरकणी महाराष्ट्राची के तहत तालुका स्तर पर महिला स्वयंसेवी समूह अपने कारोबार को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि योजना को पूरी तरह से केंद्र सरकार का समर्थन रहेगा।
सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रत्येक तालुका में 10 महिला स्वयंसेवी समूहों को चुना जाएगा और उनमें प्रत्येक स्वयंसेवी समूह को उसके नये विचार के क्रियान्वयन के लिये 50 हजार रुपये दिये जाएंगे। जिला स्तर पर पांच समूहों का चयन होगा और प्रत्येक को दो लाख रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन में महिलाओं की भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित किया। लोक कहानियों के अनुसार, हीरकणी एक ग्वालिन महिला थी जो शिवाजी के समय रायगढ़ किले के बाहर रहती थी।
वह एक बार किले का द्वार बंद हो जाने पर अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिये पूरी पहाड़ी उतरकर नीचे आ गयी थी। प्रभु ने कहा कि जिला व्यवसाय योजना प्रतिस्पर्धा के तहत जिला स्तर पर नये विचारों के लिये प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा। हर जिले में कृषि, सामाजिक सेवा, शिक्षा तथा मिश्रित श्रेणियों में से पांच विचारों को चुना जाएगा और इन्हें काम करने के लिये पांच लाख रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक पैसे तथा उचित मंच के अभाव में इन विचारों को अमल में नहीं लाया जा सका।