देहरादून। गंगा स्वच्छता से जुड़ी छह सूत्रीय मांगों को लेकर स्वामी शिवानंद विगत तीन अगस्त से अनशन पर बैठे थे। जिस पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने बुधवार को देर रात आश्वासन दिया। एनएमसीजी के लिखित आश्वासन के बाद गुरुवार को स्वामी शिवानंद ने अपना अनशन समाप्त कर दिया।
स्वामी शिवानंद ने गंगा रक्षा के लिए तीन अगस्त से अनशन शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि वह ब्रह्मलीन पूर्व प्रो. स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मांगों के पूरा होने तक अनशन जारी रखेंगे। उन्होंने उत्तराखंड मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पर लॉकडाउन के दौरान अवैध खनन कराने के आरोप लगाए थे।
स्वामीजी की मांगें
उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर निर्माणाधीन व प्रस्तावित सभी जलविद्युत परियोजनाएं निरस्त हों।
हरिद्वार में गंगा और सहायक नदियों में खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगे।
नदियों के पांच किमी के दायरे तक लगे स्टोन क्रशर बंद हों।
ज्ञानस्वरूप सानंद की ओर से प्रस्तावित गंगा एक्ट को लागू किया जाए।
ज्ञानस्वरूप सानंद की हत्या की जांच हो। ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद और साध्वी पद्मावती की हत्या की उच्चस्तरीय जांच हो।
एनएमसीजी के नौ अक्टूबर 2018 के आदेश को अंतिम रूप देकर प्रधानमंत्री को एक अक्टूबर 2019 को सूचित करने के बाद जिन व्यक्तियों ने इसके विपरीत कार्य किया, उसकी उच्चस्तरीय जांच हो।
साभार- https://www.amarujala.com/ से