लंदन। दुनिया भर में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं का सच एक बार फिर सामने आया है। हाल में कंप्यूटर निर्मित फर्जी बच्ची 'स्वीटी' के फेर में 103 भारतीय फंस गए। इस दस वर्षीय बच्ची से 10 हफ्ते में दुनिया भर के करीब 20 हजार लोगों ने संपर्क साधा। इनमें 1000 लोगों ने वेबकैम के सामने कपड़े उतारने के लिए पैसे देने की पेशकश भी की। इनमें सबसे ज्यादा 254 अमेरिकी थे, जबकि 110 ब्रिटिश भी शामिल थे।
बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। इन सभी लोगों के नाम पुलिस को सौंप दिए गए हैं। बच्चों के लिए काम करनी वाली डच संस्था टेरे डेस होमेज ने एक बच्ची का फर्जी प्रोफाइल बनाकर बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न की पड़ताल की। इसी के बाद हैरान कर देने वाला यह सच सामने आया है। शोधकर्ताओं ने साक्ष्य के तौर पर संदिग्धों की स्काइप और दूसरी सोशल साइट्स पर बने प्रोफाइल को पेश किया है। इस प्रोजेक्ट के निदेशक हंस गुयट ने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें नए तरीके की जरूरत है। ऐसे मामले में पीड़ित और यौन उत्पीड़क सामने नहीं आते हैं। हमने अपनी फर्जी पहचान फिलीपींस की दस वर्षीय लड़की के रूप में जाहिर की थी। हमने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन लोग हमें पैसे की पेशकश करने लगे थे। टेरे डेस होमेज ने ऑनलाइन सेक्स टूरिज्म को रोकने के लिए एक वैश्विक अभियान भी चला रखा है।