मुंबई। शैक्षणिक संस्थानों के तेजी से होते व्यावसायीकरण के बीच नई पीढ़ी को मिल रही शिक्षा का स्तर बनाए रखना जरूरी है। इस बारे में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए श्रीमती अमृता फडणवीस एवं फिल्म अभिनेता शेखर सुमन ने परिसर आशा द्वारा आयोजित शिक्षकों के लिए विश्व सृजनशील परिषद का उदघाटन किया। श्रीमती फडणवीस ने परिसर आशा की श्रीमती आरती सवूर की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें पुस्तक ज्ञान के साथ उस विषय से संबंधित अन्य जानकारी भी दी जाए। इस आयोजन में करीब 600 से भी ज्यादा शिक्षकों ने भाग लिया।
होटल द ललित में आयोजित इस विशेष आयोजन में श्रीमती फडणवीस ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से शिक्षकों को अध्ययन – अध्यापन की दिशा में एक नई दिशा मिलेगी। फिल्म अभिनेता शेखर सुमन ने कहा कि दुनिया को बदलने की क्षमता रखनेवाले शिक्षकों में सकारात्मक एवं सृजनात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण आयोजन है। श्रीमती फडणवीस एवं शेखर सुमन ने शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 35 वर्षों से ‘नो प्रोफिट बेसिस’ पर काम कर रही संस्था परिसर आशा के प्रयासों को सराहा। एलटूओ डिजीटल लर्निंग प्लेटफॉर्म के सहयोग से आयोजित इस विशेष कार्.क्रम में प्रदेश भर से करीब 600 शिक्षक आए थे, जिन्होंने भविष्य में अपने छात्रों को पुस्तक ज्ञान के साथ विषय से संबंधित अन्य विशेष जानकारी भी देने का निश्चय दोहराया। परिसर आशा की सीईओ श्रीमती आरती सवूर ने कहा कि लगातार होते शिक्षा के व्यावसायीकरण से शिक्षा के वास्तविक स्वरूप को बचाने की जरूरत है। इसीलिए उन्होंने यह आयोजन किया है।
शिक्षकों के लिए आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में श्रीमती फडणवीस के हाथों ग्लोरिया डिसूजा एक्सीलेंस अवॉर्ड से शिक्षकों का सम्मान किया गया। शिक्षा की मूल आत्मा को जीवित रखने के प्रयास स्वरूप आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों के लिए नए अनुभवों एवं छात्रों में प्रभावी परिणाम हेतु कई विशेष प्रदर्शन पेश किए गए थे।