Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोऑटो की सीट पर बैठी वो बहादुर महिला

ऑटो की सीट पर बैठी वो बहादुर महिला


मातृशक्ति सब कुछ कर सकती है….. आज देहरादून वापसी थी, ट्रेन का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया, फिर बस से जाने का फैसला लिया, घर से स्टेशन के लिये निकल रहा था तो कटघरिया चौराहे पर पहुँच कर अँधेरे में एक ऑटो दिखा और ऑटो के अंदर ड्राइविंग सीट पर एक महिला थी। पहले मुझे भी अजीब लगा और सोचा शायद ऐसे ही बैठी होंगी। मैं ऑटो की प्रतीक्षा कर रहा था तब तक एक आवाज आई, भैया बाजार चलना है….मैंने हाँ में हामी भरी लेकिन मैंने उत्सुकतावस पूछा कि आप ऑटो चलाओगे?

पूरे हल्द्वानी में भावना जी इकलौती महिला हैं जो ऑटो चलाती हैं, बाकी और महिलाएं भी हैं(जैसा उन्होंने बताया) जो टुक टुक चलाती हैं। भावना जी ने बोला हाँ, मैं ही चलाती हूँ, मेरे लिये थोड़ी देर के लिये अजीब था लेकिन ज्यादा आश्चर्यजनक नहीं… क्योंकि आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आकर काम कर रही हैं….और घर परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। खैर कटघरिया चौराहे से बस स्टेशन का सफर तकरीबन 25 मिनट का रहा जाम की वजह से, तो उस दौरान भावना जी से कई सवाल और जवाब भी हुए…. भावना जी मूलरूप से डीडीहाट की रहने वाली हैं और पहाड़ में हमारे हुक्मरानों की नाकामियों की वजह से हल्द्वानी आकर रहने लगी हैं। अभी उनका यहां का राशन कार्ड और आधार कार्ड भी नहीं बना है, बता रही थी कि काफी इधर उधर घुमा देते हैं…खैर मैंने उनको अपना नंबर दिया हैं और इसमें उनकी मदद का आश्वासन दिया है। अब जब उनसे कुछ सवाल हुए तो उन्होंने उसके बाद हर सवाल का बखूबी जवाब दिया,
 उन्होंने कहा कि वो कम पढ़ी लिखी जरूर हैं लेकिन उनकी सोच और विचार बहुत मजबूत हैं और इसी के दम पर उन्होंने 24 मार्च 2023 को खुद का ऑटो लेकर चलाने का फैसला लिया। उनका साफ कहना था कि अपने काम में एक अलग ही खुशी हैं और उसका अपना ही मजा हैं। भावना जी के परिवार में उनके पति और 2 बच्चे हैं। उनका ये भी कहना था कि महिलाओं को कोई भी काम में शर्माना नहीं चाहिए और कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है। महिला सशक्तिकरण का इससे और अच्छा उदाहरण ही कोई और होगा। भावना जी जैसी महिलाएं ही हमारे समाज की रोल मॉडल हैं और हमें ऐसे सभी लोगों को सपोर्ट करना चाहिए जो छोटी छोटी शुरुआत करके अपना खुद का काम कर रहे हैं। उनसे बात करते करते स्टेशन आ गया था और उनसे पूछकर मैंने उनकी एक फोटो ली और उनके बारे में लिखने की उनसे इजाजत माँगी। उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया वाले काफी आते हैं लेकिन वो पूरा मिर्च मसाला लगाकर खबर करते हैं, इसलिए उन्होंने आज तक किसी मीडिया समूह को इंटरव्यू भी नहीं दिया है।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार