मध्य प्रदेश के जबलपुर से 35 किलोमीटर दूर शहपुरा में रहने वाली एक 102 साल की वृद्धा और उसके बेटे ने अपनी करोड़ों की जमीन दान कर दी है. उन्होंने ये कदम समाज की बेहतरी के लिए उठाया है. हैरानी की बात ये है कि करोड़ों की जमीन के मालिक होने के बावजूद मां भगवती बाई और बेटा केवलचंद जैन अपने परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहते हैं. यहां तक की पत्थरों से बने उनके मकान में रखा सामान भी सालों पुराना है और सुख-सुविधा के नाम पर घर में कोई विशेष लग्जरी चीजें भी नजर नहीं आती हैं. सादा जीवन जीने वाली 102 साल की भगवती बाई के बड़े बेटे केवलचंद ने बताया कि उनकी मां ने भक्ति भाव के कारण मंदिर के लिए अपनी करोड़ों की जमीन दान कर दी है.
इसका विरोध करने की जगह उनके परिवार वाले उनके इस कदम को अपनी प्रेरणा मानते हैं. इसी के चलते केवलचंद ने भी अपनी करीब 3 करोड़ रुपए की जमीन स्कूल और अस्पताल के लिए दान करने की घोषणा कर दी है. केवलचंद का कहना है कि हाईवे किनारे जमीन होने के कारण उन्हें मुंह मांगी कीमत मिल सकती है लेकिन वो इस बारे में नहीं सोचते. बल्कि समाज की भलाई हो सके इसलिए उन्होंने अपनी मां की तरह जमीन करने का फैसला किया है. इस परिवार के जीवन यापन के लिए कमाई का जरिया खेती है. उससे होने वाली फसल और कमाई से ही उनका घर चलता है. बावजूद इसके वो सामाजिक कार्य में हमेशा आगे रहते हैं.
कांतिलाल अब तक करीब 100 लोगों की मुफ्त में बायपास सर्जरी करवा चुके हैं. उन्होंने बताया कि कुछ ग्रामीण इतने गरीब होते हैं कि वो दिल की बीमारी का इलाज नहीं करवा पाते. जिस वजह से उन्होंने उनकी मदद करने का बीड़ा उठाया है. इतना ही नहीं वो उन ग्रामीणों की भी मदद करते हैं जो आर्थिक तंगी होने के कारण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते. ऐसे में नि:संतान कांतिलाल बच्चों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए भी आर्थिक मदद करते रहते हैं.
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