Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeसोशल मीडिया सेबिग बॉस यानी ....आपको संस्कारविहीन बनाने की प्रयोगशाला

बिग बॉस यानी ….आपको संस्कारविहीन बनाने की प्रयोगशाला

आठ दस चरित्रहीन लम्पट और उतनी ही कुलटाओं को, एक घर के अन्दर ठूँस दीजिए …जाहिर है, वो वहां बैठ कर साधना तो करेंगे नहीं …उनकी करतूतों को रिकॉर्ड करके टी. वी पर प्रसारित कीजिए …बन गया देश का पसंदीदा सबसे बड़ा शो “बिग बॉस” !

घर में माताएं , बहने , बच्चियां , बच्चे ..पुरुष इस शो से चिपके रहते हैं । लड़ना , झगड़ना गालियाँ बकना …कामोद्देपक अठखेलियाँ ..यही सब तो चरित्र निर्माण के पाठ हैं , जिसे लोग केबल प्रसारण दाता (Cable Provider) को “आप के कलर्स ” के लिए अतिरिक्त शुल्क देकर खरीदते हैं ..

कुलटाओं की बाचालता को महिमामंडित करते हुए , पूरे समाज को दूषित करने का षड्यंत्र अबाध गति से पिछले कई वर्षो से पूर्ण सफलता के साथ चल रहा है । बस एक कमी रह गई थी.. वो थी इस शो के माध्यम से हिन्दू धर्म को कलंकित नहीं कर पाने की ।

इसलिए पिछले वर्ष एक भाड़े के भांड को लाया गया था , जिसका पुकारने वाला नाम “ओम स्वामी” है ..ना उसका “ओम” से कोई मतलब है ना ही किसी दृष्टि से स्वामी है । पर वह अपनी लम्बी दाढ़ी , तिलक और बस्त्र से सच्चे साधु – संतों की छवि को गहरा धक्का लगाने में सफल अवश्य रहा । औसत से कम मानसिक स्तर के तमाम लोग ऐसे भांडों को संत समझते हैं और किसी भी कुकृत्य को करने से पहले बड़ी आसानी से कह देंगे कि , “अरे देखा नहीं बिग – बॉस में स्वामी जी कैसे लिपट कर .”

हिन्दू हन्ता शक्तियों का काम इतने पर भी पूर्ण सफल न हुआ तो इस बार एक नया हथकंडा अपनाया गया । अब बारी भजन की थी । अनूप जलोटा कार्यक्रम में आये नहीं हैं, उन्हें लाया गया है । वैसे मै अनूप जलोटा को गायक ही मानता हूँ पर भजन से जुड़े होने के कारण उनका गायन तमाम हिन्दुओं के लिए श्रद्धेय अवश्य था । श्रद्धेय कार्यों से जुड़े व्यक्तियों को इस तरह के कार्यक्रमों में लाना, हिन्दू हन्ताओं की सफल रणनीति का अंग है । पैसे और प्रसिद्धि के लालच बस कच्चा माल उन्हें भरपूर मात्रा में उपलब्ध भी है । हर क्षेत्र में कोई न कोई कलंकी मिल ही जाएगा ..जहाँ नहीं मिलेगा वहाँ बना दिया जाएगा । धीरे – धीरे श्रद्धेय कार्यों से जुड़े प्रत्येक कार्य से सम्बंधित किसी न किसी को शो में लाकर उस कार्य को कलंकित किया जाएगा ताकी आपकी श्रद्धा कमजोर होते – होते समाप्त हो जाय । बस यही तो नास्तिक बनाने की प्रक्रिया है ।

मौज – मस्ती में मस्त, कोमल मष्तिष्क वाले हिन्दुओं को तो इस विषय पर चुटकुला बनाने और सुनाने से ही फुरसत नहीं हैं, चिंतन कहाँ करेंगे । हो सके तो इस प्रकार के छिछोरे शो को अपने घर में प्रवेश न होने दें । यदि आज आपने मौज – मस्ती के चक्कर में टीवी पर सब कुछ चलने दिया तो कल वही सब कुछ आपके घर में घटित होगा !

(सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा संदेश )

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार