रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने देश में ग्रीन इंजन बनाए जाने की जरूरत बताई है। वाराणसी के डीजल रेल इंजन कारखाना (डीएलडब्ल्यू) में 1500वें रेल इंजन के लोकार्पण के दौरान उन्होंने यह बात कही। रेल मंत्री ने कहा कि देश में रेल इंजन बनाने में कीर्तिमान बनाने वाला डीजल रेल कारखाना अब ग्रीन इंजन बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि ग्रीन इंजन ऎसा होता है जो जरूरत के हिसाब से डीजल, बिजली और सीएनजी तीनों से चले। अभी तक वाराणसी का डीएलडब्ल्यू कारखाना डीजल के साथ बिजली से चलने वाले इंजनों पर काम कर रहा है। इस मौके पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की मौजूद थे।
रेल मंत्री ने 1500वें इंजन के लोकार्पण के बाद कारखाने के कर्मचारियों के लिए पांच लाख रूपये पुरस्कार की घोषणा की है। इससे पहले उन्होंने बीएचयू में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। बीएचयू के उडुपा सभागार में रेलवे तथा बीएचयू के बीच मालवीय चेयर (शोध प्रकोष्ठ) के लिए समझौता हुआ है।
इसके तहत बीएचयू अब रेल विकास में तकनीकी मदद करेगा। इससे पहले दिन में, प्रभु विमान से वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे थे। इसके बाद वह मडुआडीह रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्यो का उद्घाटन करने के बाद बीएचयू पहुंचे। इस मौके पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भी गाजीपुर से वाराणसी पहुंचे।