देश का दिल है मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में भी बसता है. प्रधानमंत्री अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में निरंतर मध्यप्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते रहे हैं. वे अपने संबोधन में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों और विशेषताओं से अन्य राज्यों को अवगत कराते रहे हैं. वे मानते हैं कि मध्यप्रदेश देश का ह्दयप्रदेश ही नहीं है बल्कि वह देश के लिए एक आदर्श प्रदेश है. एक रोल मॉडल राज्य के रूप में मध्यप्रदेश ने अपनी पहचान स्थापित की है. यह जानना रोचक होगा कि इस विशाल देश के कोने-कोने से हुनरमंद लोगों की तलाश कर लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं. मध्यप्रदेश के संदर्भ में यह तो और भी रोचक है.
यूं तो मन की बात कार्यक्रम के करीब 105 एपिसोड होने जा रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे एपिसोड हैं जिसमें मध्यप्रदेश का विशेष रूप से उल्लेख हुआ है. मन की बात का 103वां एपिसोड मध्यप्रदेश के लिए खास था। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के शहडोल का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कुछ समय पहले, मैं, एम.पी. के शहडोल गया था। वहां मेरी मुलाकात पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई थी। वहीं पर मेरी उनसे प्रकृति और पानी को बचाने के लिए भी चर्चा हुई थी। अभी मुझे पता चला है कि पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। यहां, प्रशासन की मदद से, लोगों ने, करीब सौ कुओं को वॉटर रिजार्च सिस्टम में बदल दिया है। बारिश का पानी, अब इन कुओं में जाता है, और कुओं से ये पानी, जमीन के अंदर चला जाता है। इससे इलाके में भू-जल स्तर भी धीरे-धीरे सुधरेगा। अब सभी गांव वालों ने पूरे क्षेत्र के करीब-करीब 800 कुएं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है।
उन्होंने शहडोल के ही विचारपुर गांव का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसे मिनी ब्राजील कहा जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि ‘ये गांव आज उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। यहां मेरी मुलाकात इन खिलाडिय़ों से हुई। विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा 2 दशक पहले शुरू हुई। यह गांव कभी अवैध शराब के लिए बदनाम था। इसका सबसे बड़ा नुकसान यहां के युवाओं को हो रहा था। एक पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस एहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना। रईस जी ने युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया। कुछ साल के भीतर ही यहां फुटबॉल इतनी प्रसिद्ध हो गई कि विचारपुर गांव की पहचान ही इससे होने लगी। अब यहां फुटबॉल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम भी चल रहा है।
मन की बात में जिन दो प्रसंग का मोदीजी ने उल्लेख किया है, वह मध्यप्रदेश में हो रहे नवाचार की झलकी तो दिखाते ही हंै बल्कि दूसरों को प्रेरणा भी देते हैं. उज्जैन में अलग-अलग शैलियों में बन रही पुराणों पर आधारित पेंटिंग के बारे में बताया। अमेरिका द्वारा भारत को लौटाई गई मूर्तियों में एक मूर्ति का नाता मध्य प्रदेश से है यह भी प्रधानमंत्री ने बताया। वहीं फिर एक बार शहडोल जिले के विचारपुर गांव जिसे मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है उसका जिक्र करते हुए बताया कि कैसे यह गांव नशे से मुक्त होकर फुटबाल से प्रेम करने लगा।
मन की बात में उज्जैन में बन अलग-अलग शैली के चित्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि, इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे। अपना अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले इंटरनेट मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको, आश्चर्य से भर देंगी। आप इन्हें देखेंगे, तो देखते ही रह जाएंगे। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत सेंड स्टोन स्कल्पचर भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक ‘अप्सराÓ की कलाकृति है, जिसका नाता मध्यप्रदेश से है। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी हैं
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के तीन ऐसे उदाहरण बताए जिन्होंनेे देश में अनोखा काम किया है. इनमें इंदौर की ह्यूमन चेन, मंडला में अमृत सरोवर और दतिया के मेरा बच्चा अभियान है. प्रधानमंत्री मोदी ने दतिया जिले के मेरा बच्चा अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है? मध्यप्रदेश के दतिया जिले में मेरा बच्चा अभियान में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। बीते 15 अगस्त को इंदौर में 5000 से अधिक स्कूली छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य लोग सबसे बड़ी मानव श्रृंखला के जरिए भारत का भौगोलिक नक्शा बनाने का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने मण्डला के मोचा ग्राम पंचायत में बने अमृत सरोवर को अनूठा बताया.
सामाजिक जागरूकता के लिए उम्र और साधन सम्पन्न होने की जरूरत नहीं. केवल मन में इच्छा भी लोगों को जागरूक कर सकती है. कटनी जिले की नन्हीं मीनाक्षी और बश्वर ने ऐसा कर दिखाया. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में प्रदेश की प्रतिभाओं का उल्लेख कर उनका मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। मन की बात में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बच्चों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘हम सब जानते हैं कि बच्चों को गुल्लक से कितना प्यार होता है। लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी जिले की 13 वर्ष की मीनाक्षी और पश्चिमी बंगाल के डायमंड हार्बर के 11 वर्ष के बश्वर मुखर्जी कुछ अलग हैं। इन दोनों बच्चों ने अपनी गुल्लक के पैसे टी.बी. मुक्त भारत के लिए लगा दिए। उनका यह उदाहरण भावुकता से भरे होने के साथ प्रेरक करने वाला भी है। कम आयु में बड़ी सोच रखने वाले इन सभी बच्चों की मैं प्रशंसा करता हूँ।Ó कटनी जिले की हमारी बेटी मीनाक्षी सहित अनेक बच्चों के टी.बी.मुक्त भारत के लिए दिये गये योगदान की प्रशंसा कर प्रधानमंत्री ने अन्य बच्चों का मनोबल बढ़ाया है। इ
मन की बात में ग्वालियर निवासी कु. निधि पवैया जिन्होंने उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम में शॉट-पुट प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था, का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की छात्रा कु. निधि पवैया ने घुटने में गंभीर चोट के बावजूद शॉट-पुट में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की। कु. निधि ग्वालियर जिले के चिनौर गाँव की निवासी है और उनके पिता छोटे सिंह पवैया किसान हैं.
प्रधानमंत्री मन की बात में मध्यप्रदेश के जिन लोगों का उल्लेख कर चुके हैं, उनमें मुख्य रूप से ममता शर्मा, आसाराम चौधरी, मास्टर तुषार, उषा दुबे, रजनीश, बबीता राजपूत, अर्जुन सिंह , रोहित सिसोदिया , फील्ड डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व, सुभाष सिसोदिया अतुल पाटीदार, अनुराग असाटी और पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर जनक पलटा, शांति परमार और भूरी बाई हैं. इनके अलावा भी जिन लोगों का जिक्र मन की बात में हुआ उनमें ग्राम पंचायत के कमलेश और कविता चंदवानी, भावना, राम लोटन कुशवाह ,किशोरी लाल धुर्वे , मीना राहंगडाले, भज्जू श्याम , शिवा चौबे, आशीष पारे, स्वाति श्रीवास्तव, अवनि चतुर्वेदी समेत कई लोग शामिल हैं. इन अद्भुत लोगों का मन की बात के सौ एपिसोड पूरे होने पर राजभवन भोपाल में सम्मान किया गया. यह सारे प्रसंग बताते हैं कि मध्यप्रदेश में प्रतिभावान, सामाजिक सरोकार और पर-हितैषी लोगों की संख्या बेशुमार हैं. कला, खेल और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में इनका कोई सानी नहीं है. इनकी प्रतिभा, इनका समर्पण दबा-छिपा रहता लेकिन मन की बात में उल्लेख होते ही ये लोग पूरे देश और दुनिया के लिए बेमिसाल उदाहरण बन गए हैं.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)