पूर्वोत्तर भारत में अपनी पैठ मजबूत बनाने की पहल के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 21 जनवरी 2018 को गुवाहाटी में वृहद हिन्दू समावेश सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जिसमें 35 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। इस समारोह को सरसंघचालक मोहन भागवत संबोधित करेंगे। आरएसएस के असम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख शंकर दास ने टेलीफोन पर बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में आरएसएस का यह अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसमें मेघालय, असम और नगालैंड के 4000 गांवों से स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का नाम लूइट पोरिया हिन्दू समावेश रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 35 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। इसके अलावा सम्मेलन में 35 से 40 हजार दर्शक भी मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वृहद सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में कर रहा है जब इस वर्ष त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह पूछे जाने पर कि इस सम्मेलन का क्या चुनाव से कोई संबंध है, शंकर दास ने कहा कि चुनाव तो होते रहते हैं। हम इस सम्मेलन की तैयारी दो वर्ष से कर रहे थे और यह संघ के कार्य विस्तार कार्यक्रम का हिस्सा है। हम इस इलाके में स्वयंसेवकों को एक मंच पर लाना चाहते थे और यह कार्यक्रम इसी का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 20 जनजातीय राजा हिस्सा लेंगे। इसमें खासी, जयंतिया, हरक्का, बोडो, कार्वी, मिसिंग, गारो, राभा आदिवासी समुदाय शामिल हैं। इनमें से कुछ समुदायों के राजा और कुछ के प्रमुख हिस्सा लेंगे। संघ के असम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख ने बताया कि इसके अलावा इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए 2000 विशिष्ट लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें विरोधी और समर्थक सभी को बुलाया गया है। 22 जनवरी को समारोह में सत्राधिकारियों (प्रमुखों) की बैठक होगी जिसमें धार्मिक एवं आदिवासी नेता शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि आरएसएस पिछले कुछ वर्षों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है। इस सम्मेलन को इसी दिशा में एक पहल माना जा रहा है।