भोपाल। एक महिला ने पारिवारिक न्यायालय में तलाक की याचिका दायर करते हुए यही कहा कि उसने एक ही शर्त पर शादी करने की हां की थी कि वह कभी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ेगी। पहले तो ससुराल वालों ने हां कर दी, लेकिन शादी के बाद पढ़ाई बंद करा दी। इस बात पर पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला तलाक तक पहुंच गया।
कोर्ट ने मामले को काउंसलिंग के लिए भेजा। दोनों पक्षों को बुलाया गया। काउंसलिंग में पति और उसकी मां (सास) पहुंचे और दोनों ने बहू पर कई आरोप लगाए। इसके बाद काउंसलर नुरुनिशा खान ने महिला को समझाया और मामले की पूरी जानकारी जज को दी।
जब कोर्ट में सुनवाई होने लगी तो कोर्ट ने महिला से कहा कि पहले करवाचौथ मनाकर आओ औऱ उसके बाद अपनी पूरी रिपोर्ट कोर्ट में दर्ज करना। अब मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। महिला काउंसलिंग सभागार से ही मंगलवार को पति और सास के साथ चली गई।
काउंसलर खान ने बताया कि ऐसे कई सामने आए जब पति, बहू और सास तीनों भावुक हुए और सास नहीं चाहती कि उसके बेटे का परिवार टूटे।
महिला ने आरोप लगाया कि उसका रिश्ता लेकर ससुराल वाले आए थे, उस समय वह पढ़ाई कर रही थी। पति बरेली, रायसेन में नगरपालिका में क्लर्क है। पति 12वीं पास है जबकि पत्नी ने स्नातक की पढ़ाई की हुई है। महिला ने कहा कि मेरे माता-पिता ने 12वीं पास लड़के से इसलिए शादी करा दी क्योंकि उसकी सरकारी नौकरी थी।
महिला ने बताया कि शादी तय होने के दौरान मैंने साफ कह दिया था कि मैं आगे पढ़ाई करूंगी और नौकरी भी करूंगी। तब इस पर सभी ने सहमति भी जताई थी। महिला ने बताया कि वह शादी के दौरान वकालत की पढ़ाई कर रही थी लेकिन बाद में पति और सास ने मेरी पढ़ाई रुकवा दी।
महिला नौकरी करना चाहती थी लेकिन पति नहीं चाहता था कि वह घर से बाहर निकले। इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट तक की नौबत आ गई।
महिला की सास का कहना कि शादी से पहले उसने और उसके बेटे ने लड़की की पढ़ाई आगे जारी रखवाने के लिए हामी भरी थी, लेकिन अब वो चाहते हैं कि बहू अपनी वकालत की पढ़ाई करने के बाद घर-गृहस्थी संभाले। सास का कहना है कि वह नहीं चाहती कि उसके बेटे का घर टूटे।