भोपाल। दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दूसरे दिन ‘हिन्दी पत्रकारिता और संचार माध्यमों में भाषा की शुद्धता” पर समानांतर सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका श्रीमती मृणाल पाण्डे ने की। सत्र में श्री नरेन्द्र कोहली ने कहा कि हिंग्लिश से भाषा समृद्ध नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मिलने और सम्पर्क करने का स्थान रू-ब-रू ने ले लिया है।
श्री कोहली ने कहा कि शुद्ध हिन्दी लिखने और बोलने वालों के संरक्षण की जरूरत महसूस होने लगी है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा अंग्रेजी में होने के कारण अभिभावक बच्चों को शुरू से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाते हैं। शब्दों का प्रचलन संचार माध्यम करते हैं। श्री कोहली ने कहा कि शिक्षा नीति में सुधार की जरूरत है।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री ओम थानवी ने कहा कि हिन्दी समावेशी है। इसमें अच्छे शब्दों को प्रचलन में लाना चाहिये। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शब्दों का उपयोग कर सोचते हैं कि हम आधुनिक हो रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव ने कहा कि भाषा की शुद्धता की जगह स्वच्छता जरूरी है। हिन्दी और उर्दू सहोदरी हैं। श्री देव ने कहा कि लोग हिन्दी में बोलने में लज्जा महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि एफ.एम. चेनल हिन्दी की हत्या कर रहे हैं। सम्मेलन में सर्व-सम्मति से चेनल प्रमुखों को इस संबंध में पत्र लिखने का प्रस्ताव पारित होना चाहिये। सत्र में गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा और वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।